N Chandrasekaran Mamata Banerjee Meeting: जिस टाटा ग्रुप को ममता बनर्जी ने करीब 17 साल पहले पश्चिम बंगाल से निकलने के लिए मजबूर दिया था. आज उसकी के साथ हाथ मिलाने की कोशिश में हैं. वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) से कोलकाता में मुलाकात की. इस मुलाकात से टाटा ग्रुप और बंगाल सरकार के बीच रिश्तों में नई शुरुआत हो सकती है. यह पहला मौका है जब ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद टाटा ग्रुप के चेयरमैन से मुलाकात की.
क्या है 17 साल पुरानी कहानी?
करीब 17 साल पहले ममता बनर्जी ने सिंगूर (पश्चिम बंगाल) में टाटा मोटर्स के नैनो कार प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था. उस समय बंगाल में सीपीएम की सरकार थी, जिसके मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) थे. ममता ने आंदोलन कर 400 एकड़ जमीन किसानों को वापस करने की मांग की थी, लेकिन सरकार की तरफ से इस मांग को ठुकरा दिया गया था. इसके बाद टाटा मोटर्स ने सिंगूर से अपना प्रोजेक्ट हटा लिया था और इसे गुजरात ले गए. गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाटा को एक नॉर्मल एसएमएस भेजकर स्वागत किया था. बाद में नैनो कार का प्रोडक्शन 2018 में बंद हो गया.
एन चंद्रशेखरन से मुलाकात का ट्वीट किया
अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से एन चंद्रशेखरन और ममता बनर्जी के बीच हुई मुलाकात के बारे में ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में लिखा है "ममता बनर्जी ने टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के साथ बंगाल की इंडस्ट्रियल ग्रोथ और नई संभावनाओं पर बातचीत की. यह मुलाकात बंगाल की जन-निजी साझेदारी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है." यह मुलाकात बंगाल में निवेश, नवाचार और विकास को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में संकेत
साल 2025 की शुरुआत में फरवरी महीने में हुए बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (BJBS) में ममता बनर्जी ने कहा था कि चंद्रशेखरन कुछ कारणों से समिट में नहीं आ सके. लेकिन, समिट से पहले उनकी उनसे विस्तार से बात हुई थी. ममता ने बताया, "उन्होंने आश्वासन दिया है कि टाटा ग्रुप बंगाल में और निवेश करना चाहता है. वे जल्द ही बंगाल आएंगे और इसको लेकर विस्तार से चर्चा करेंगे." अब यह मुलाकात बंगाल और टाटा ग्रुप के बीच 17 साल पुराने तनाव को खत्म करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. बंगाल में इंडस्ट्रियल ग्रोथ और रोजगार के नए मौके पैदा करने की उम्मीद बढ़ी है.