Modi Cabinet Decision: जुलाई महीने के पहले ही दिन सरकार ने नौकरी तलाश रहे युवाओं को अच्छी खबर सुना दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दी है. इसका मकसद सभी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करना, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाना है. सरकार का जोर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है और पहली बार काम करने वालों के लिए प्रोत्साहन की भी घोषणा की गई है. जी हां, पहली बार काम करने वालों को दो किस्तों में एक महीने का वेतन अधिकतम 15,000 रुपये मिलेगा. मोदी सरकार ने इस योजना के जरिए दो साल के भीतर 3.5 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा करने का लक्ष्य रखा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है. इसके तहत पहली बार रोजगार करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए दो साल के लिए ज्यादा लाभ दिया जाएगा.
ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी. इसका कुल बजट खर्च 2 लाख करोड़ रुपये है. ईएलआई योजना का लक्ष्य 99,446 करोड़ रुपये खर्च के साथ 2 साल में देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना है. इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार वर्कफोर्स में प्रवेश करने वाले होंगे. इस योजना का लाभ 01 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित रोजगार पर लागू होगा. इस योजना में दो भाग हैं, जिसमें भाग-ए पहली बार आवेदन करने वालों पर केंद्रित है, तथा भाग-बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है.
1. पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन
ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए, इस भाग में एक महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपये तक दो किस्तों में दिया जाएगा. इसके लिए 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे. पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी. बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा और कर्मचारी द्वारा बाद की तारीख में निकाला जा सकता है.
2. नियोक्ताओं यानी कंपनियों को सहायता
इसमें सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को शामिल किया जाएगा, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा. सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी. विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा. ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी.
पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को सभी भुगतान आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) का उपयोग करके डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड के माध्यम से किए जाएंगे. उधर, नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा.