Ujjwala Yojana: महिलाओं खासकर ग्रामीण महिलाओं तक स्वच्छ ईंधन पहुंचाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की. इस योजना के जरिए भारत सरकार देश में गरीब तबके से जुड़ी महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी गैस सिलेंडर मुहैया करा रही है. देशभर में यह स्कीम काफी लोकप्रिय है. अब तक लाखों महिलाएं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त गैस सिलेंडर का लाभ ले चुकी हैं. अब इस योजना को लेकर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने अहम जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत के एनर्जी मिक्स में तेजी से बदलाव हो रहा है. स्वच्छ ईंधन जैसे एलपीजी को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे महिलाओं के जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है और उनके सशक्तिकरण में भी मदद मिली है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत एलपीजी कनेक्शन के माध्यम से 10.33 करोड़ महिलाओं को सम्मान और सुगमता प्रदान की गई है, यह भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में एक ऐतिहासिक पहल है.
देश में कितने PNG कनेक्शन
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा समय में देश में 1.51 करोड़ पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) कनेक्शन हैं. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क देश की 96 प्रतिशत जमीन और 99 प्रतिशत जनसंख्या को कवर करता है. इससे देश में एनर्जी की पहुंच आसान हुई है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, महिलाएं एनर्जी इंडस्ट्री में नेतृत्वकारी पदों पर कार्य और प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. वहीं, बायोगैस प्लांट्स, रिटेल फ्यूल स्टोर्स और एलपीजी वितरण में भी योगदान दे रही हैं.
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा
सरकार ने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के चल रहे प्रयास के तहत वित्त वर्ष 2024-2025 में 42,800 टन कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) खरीदी गई. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा आज, भारतीय महिला केवल लाभार्थी नहीं है. वह देश के ऊर्जा भविष्य को आकार देने में अग्रणी है. लाखों लोगों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने के अलावा, ऊर्जा तक पहुंच के लिए केंद्र सरकार की पहल ने खासकर महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है.
इससे पहले, केंद्रीय ने कहा था कि भारत तेल आत्मनिर्भरता की दिशा में स्थिर और आत्मविश्वास से भरे कदम उठा रहा है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, देश कदम दर कदम अपने ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित कर रहा है. पुरी के अनुसार, 99 प्रतिशत "नो-गो" क्षेत्रों से रोक को हटा दिया गया है और 10 लाख वर्ग किलोमीटर का अपतटीय क्षेत्र अब तेल क्षेत्र अन्वेषण के लिए खुला है. घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ऊर्जा कंपनियों ने पहले ही ओपन एकरेज लाइसेंसिंग प्रोग्राम (ओएएलपी) के तहत उपलब्ध तेल और गैस ब्लॉकों में रुचि व्यक्त की है, और दसवें राउंड की बोली में निवेश और भागीदारी के लिए नए मानक स्थापित होने की उम्मीद है. आईएएनएस