The Mughal-era mausoleum: मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल के याद बनवाए गए मकबरे ताज महल से सरकार की जमकर कमाई हो रही है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया है कि पिछले 5 साल में ताजमहल से सरकार को 297 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. सिर्फ पिछले वर्ष यानी वित्तीय वर्ष 2024 में टिकट बिक्री से सरकार ने ₹98.5 करोड़ की कमाई हुई है.
सरकार द्वारा दी गई जानकारी से स्पष्ट है कि ताजमहल न केवल प्यार की निशानी है, बल्कि अब ये टिकट बिक्री से कमाई के मामले में भी देश के सभी ऐतिहासिक स्थलों में सबसे ऊपर है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में ताजमहल से हुई कमाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित स्मारकों की सूची में सबसे ज्यादा है.
पांच साल से लगातार नंबर वन पर ताजमहल
सरकार के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2023-24 तक हर साल ताजमहल की कमाई सबसे ज्यादा रही. पांच वर्षों में इस ऐतिहासिक स्मारक ने टिकटों से कुल ₹297 करोड़ की आय अर्जित की है. वित्त वर्ष 2023-24 में 67.8 लाख से ज्यादा पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे, जो कि पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक संख्या है. इस साल टिकटों से हुई कमाई ₹98,55,27,533 रही, जो कि 2019-20 में हुई ₹97 करोड़ की कमाई से ज्यादा है.
कुतुब मीनार और लाल किला से कितनी कमाई?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित स्मारकों की सूची में आगरा का ताजमहल जहां कमाई के मामले में टॉप पर रहा. वहीं, दिल्ली के दो ऐतिहासिक स्थल कुतुब मीनार और लाल किला से भी सरकार को बेहतरीन कमाई हुई है.
वित्त वर्ष 2023-24 में कुतुब मीनार से ₹23.80 करोड़ रुपये तो लाल किला से ₹18.08 करोड़ रुपये की कमाई हुई. ये दोनों स्मारक राजधानी दिल्ली में स्थित हैं और देशी-विदेशी सैलानियों के बीच खासे लोकप्रिय हैं. इसके अलावा, आगरा स्थित आगरा किले से सरकार को 15.3 करोड़ और दिल्ली स्थित हुमायू किला से 10 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है.