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'मैं 40 साल से कर रहा हूं, इस पर बहस की जरूरत नहीं...'70 घंटे काम की सलाह पर फिर क्या बोल गए नारायण मूर्ति?

Narayan Murthy: युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह देने वाले नारायण मूर्ति ने सोमवार को कहा कि मैंने इन्फोसिस में अपने कार्यकाल के दौरान 40 साल तक प्रति सप्ताह 70 घंटे से अधिक काम किया है. ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है, न कि बहस की. 

'मैं 40 साल से कर रहा हूं, इस पर बहस की जरूरत नहीं...'70 घंटे काम की सलाह पर फिर क्या बोल गए नारायण मूर्ति?
Sudeep Kumar|Updated: Jan 20, 2025, 11:11 PM IST
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Narayan Murthy WorK Hour Debate: देश में काम के घंटे को लेकर जारी बहस के बीच इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर एन नारायण मूर्ति ने कहा है कि कोई भी किसी व्यक्ति को लंबे घंटों तक काम करने के लिए नहीं कह सकता, लेकिन हर किसी को ‘आत्मनिरीक्षण’ करना चाहिए और इसकी जरूरत को समझना चाहिए.

युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह देने वाले नारायण मूर्ति ने सोमवार को कहा कि मैंने इन्फोसिस में अपने कार्यकाल के दौरान 40 साल तक प्रति सप्ताह 70 घंटे से अधिक काम किया है. ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है, न कि बहस की. 

उन्होंने कहा, "मैं कह सकता हूं कि मैं सुबह साढ़े छह बजे कार्यालय पहुंचता था और रात साढ़े आठ बजे कार्यालय से निकलता था, यह सच्चाई है. मैंने ऐसा किया है. इसलिए, कोई यह नहीं कह सकता कि नहीं, यह गलत है."

मैं 40 साल से कर रहा हूं: नारायण मूर्ति

एक कार्यक्रम के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "और मैं यह काम 40 साल से कर रहा हूं. मैंने जो सलाह दीं, उसपर लोगों को बहुत अधिक चर्चा या बहस करने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय यह जरूरी है कि हर व्यक्ति खुद पर विचार करे, इसे समझे और फिर अपनी सोच के आधार पर एक निष्कर्ष पर पहुंचे. इसके बाद जो भी निर्णय वे लेना चाहें, ले सकते हैं." 

बहस की नहीं आत्म मंथन की जरूरत: नारायण मूर्ति

मूर्ति ने कहा, "हमें अपने प्रयासों और मेहनत को इस बात से जोड़कर देखना चाहिए कि हम समाज में बदलाव लाने में कितना योगदान दे रहे हैं. खासकर, एक गरीब बच्चे के दृष्टिकोण से हमें यह समझना चाहिए कि हमारी मेहनत उस बच्चे के भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर रही है या नहीं." 

उन्होंने आगे कहा, ‘‘यदि मैं कड़ी मेहनत करूंगा, यदि मैं समझदारी से काम करूंगा, यदि मैं अधिक राजस्व अर्जित करूंगा, यदि मैं अधिक कर चुकाऊंगा, तो वह बच्चा बेहतर स्थिति में होगा.’’

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