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बदल जाएगा आपका टैक्स भरने का तरीका, मानसून सत्र में संसद में पेश होगा नया इनकम टैक्स बिल

आम लोगों के लिए  इनकम टैक्स कानूनों को आसान बनाने के मकसद से सरकार नया इनकम टैक्स बिल लाने जा रही है.  नया बिल 64 साल पुराने कानून की जगह लेगा. कैबिनेट की मजूरी मिलने के बाद अब इसे संसद में पेश करने की तैयारी चल रही है.

 बदल जाएगा आपका टैक्स भरने का तरीका, मानसून सत्र में संसद में पेश होगा नया इनकम टैक्स बिल
Bavita Jha |Updated: Mar 25, 2025, 06:48 PM IST
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New Income Tax Bill: आम लोगों के लिए  इनकम टैक्स कानूनों को आसान बनाने के मकसद से सरकार नया इनकम टैक्स बिल लाने जा रही है.  नया बिल 64 साल पुराने कानून की जगह लेगा. कैबिनेट की मजूरी मिलने के बाद अब इसे संसद में पेश करने की तैयारी चल रही है. नए इनकम टैक्स बिल को संसद के अगले मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद इसकी जानकारी आज लोकसभा में दी है. नया इनकम टैक्स बिल प्रत्यक्ष कर कानूनों को सरल बनाएगा, वहीं अस्पष्टताएं दूर करेगा और कर विवादों को कम करेगा. 

नए इनकम टैक्स बिल में क्या खास  
 
नया इनकम टैक्स बिल-2025 छह दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट-1961 का स्थान लेगा. यह प्रत्यक्ष कर कानूनों को सरल बनाएगा, अस्पष्टताएं दूर करेगा और कर विवादों को कम करेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि सरलीकरण की प्रक्रिया तीन मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें स्पष्टता के लिए पाठ्य और संरचनात्मक सरलीकरण, निश्चितता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कर नीति में कोई भी बदलाव नहीं और करदाताओं के लिए पूर्वानुमान को बनाए रखने के लिए कर दरों में कोई संशोधन नहीं शामिल हैं.  

ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस पर आधारित, इस बिल का उद्देश्य कर नियमों में स्पष्टता प्रदान करके व्यापार में आसानी लाना है. नए इनकम टैक्स बिल में शब्दों की संख्या को घटाकर 2,59,676 कर दिया गया है। यह आंकड़ा पुराने इनकम टैक्स बिल में 5,12,535 पर था.  आधिकारिक सरकारी बयान में कहा गया कि नए इनकम टैक्स बिल में चैप्टर्स की संख्या को घटाकर 23 कर दिया गया है, जबकि पुराने इनकम टैक्स बिल में यह संख्या 47 थी। इसके अलावा सेक्शंस की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी गई है. 

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए इनकम टैक्स बिल-2025 से देश में टैक्स सिस्टम अधिक पारदर्शी होगा और इसके साथ ही इससे करदाताओं का विश्वास बढ़ेगा. भारत में केपीएमजी के पार्टनर, टैक्स, हिमांशु पारेख ने कहा कि नए बिल का एक अच्छा पहलू यह है कि इसमें तालिकाओं और सूत्रों का रणनीतिक उपयोग किया गया है, जो प्रावधानों की व्याख्या को सरल बनाने में मदद करेगा. विधेयक का उद्देश्य करदाताओं की निश्चितता को बढ़ाते हुए विवादों और मुकदमेबाजी को कम करना है.  डेलॉयट इंडिया के पार्टनर रोहिंटन सिधवा के अनुसार, यह सुधार भारत के टैक्स स्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने, अधिक स्पष्टता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.  आईएएनएस

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