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Income Tax Rules 2025: ITR फाइल‍िंग की होगी जांच, इन 5 केस में गड़बड़ी म‍िली तो आएगा नोट‍िस; अभी से हो जाएं अलर्ट

ITR Filing: नए न‍ियमों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की तरफ से 14 जून 2025 को जारी किया गया है. इनमें ऐसे मामलों की साफ पहचान की गई जिनमें आयकर अधिकारी पूरी स्‍क्रूटनी करने के ल‍िए गहराई से छानबीन करें. 

Income Tax Rules 2025: ITR फाइल‍िंग की होगी जांच, इन 5 केस में गड़बड़ी म‍िली तो आएगा नोट‍िस; अभी से हो जाएं अलर्ट
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jun 18, 2025, 07:15 AM IST
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Income Tax Rules: टैक्‍सपेयर्स की तरफ से असेसमेंट ईयर 2025-26 (AY 2025-26) का इनकम टैक्‍स र‍िटर्न फाइल करना शुरू कर द‍िया गया है. इस बार सीबीडीटी की तरफ से आयकर रिटर्न (ITR) दाख‍िल करने के तरीके में कुछ बड़े बदलाव क‍िये गए हैं. इन बदलावों में ITR फॉर्म, टैक्स स्लैब और बाकी न‍ियमों को शाम‍िल क‍िया गया है. इनकम टैक्‍स व‍िभाग की तरफ से पांच मामलों में आपके आईटीआर की जांच की जाएगी. खामी म‍िलने पर व‍िभाग की तरफ से नोट‍िस जारी क‍िया जाएगा.

इनकम और टैक्‍स कटौती सभी की जांच की जाएगी

ज‍िन चीजों को आधार मानकर जांच की जाएगी उनमें टैक्‍सपेयर की आमदनी, टैक्‍स, कटौती, इनवेस्‍टमेंट और टैक्‍स छूट की जांच की जाएगी. व‍िभाग ने फाइनेंश‍ियल ईयर 2025-26 (AY 2026-27) के लिए आयकर रिटर्न की जरूरी जांच से जुड़े संबंध‍ित नए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. इन न‍ियमों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की तरफ से 14 जून 2025 को जारी किया गया है. इनमें ऐसे मामलों की साफ पहचान की गई जिनमें आयकर अधिकारी पूरी स्‍क्रूटनी करने के ल‍िए गहराई से छानबीन करें.

इस बार आयकर र‍िटर्न में कई बड़े बदलाव क‍िये गए
आपको बता दें इस बार आयकर र‍िटर्न में कई बड़े बदलाव क‍िये गए हैं. इन बदलावों में नया फॉर्म, टैक्‍स चार्ज में बदलाव आद‍ि शाम‍िल हैं. अब कुछ मामलों में व‍िभाग की तरफ से जांच की जाएगी. इसे 'कम्‍पलीट स्‍क्रूटनी' कहा गया है, इसका मतलब हुआ क‍ि इनकम टैक्‍स विभाग टैक्‍सपेयर्स की तरफ से दाखिल ITR की बारीकी से जांच करेगा. इसमें टैक्‍सपेयर की इनकम, कटौतियां, छूट, निवेश और अन्य सभी दी गई फाइनेंश‍ियल जानकारी की पुष्टि की जाएगी.

क‍िन मामलों को लेकर होगी जांच

सर्वे वाले मामले: अगर किसी टैक्‍सपेयर के यहां 1 अप्रैल 2023 के बाद सेक्‍शन 133A (2A को छोड़कर) के तहत सर्वे किया गया है तो ऐसे मामलों में ITR (आयकर रिटर्न) की जांच जरूरी होगी. यह चुनाव सिस्टम निदेशालय की तरफ से DGIT (सिस्टम) की मंजूरी के बाद किया जाएगा.

तलाशी और जब्ती के मामले: अगर किसी टैक्‍सपेयर के यहां 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच सेक्‍शन 132 या 132A के तहत रेड मारी गई है या डॉक्‍यूमेंट जब्त (डॉक्यूमेंट सीजर) किये गए हैं, तो ऐसे मामले की भी स्क्रूटनी की जाएगी.

पंजीकरण रद्द होने के बावजूद छूट का दावा: यद‍ि किसी ट्रस्ट या संस्था का 12A, 12AB, 10(23C), या 35(1)(ii)/(iii) के तहत पंजीकरण 31 मार्च 2024 तक रद्द कर दिया गया था. लेकिन फिर भी उन्होंने टैक्‍स र‍िबेट का दावा किया है तो ऐसे मामलों की भी स्क्रूटनी की जाएगी.

बार-बार की गई बढ़ोतरी: ऐसे मामलों में पहली बार के असेसमेंट में 50 लाख रुपये (मेट्रो स‍िटी में) या 20 लाख रुपये (अन्य जगहों पर) से ज्‍यादा की बढ़ोतरी की गई थी और या तो उनके खिलाफ अपील नहीं की गई है या अपील में भी वे बढ़ोतरी बरकरार रही हैं. ऐसे सभी मामलों की जरूरी स्क्रूटनी की जाएगी.

एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर: यद‍ि क‍िसी टैक्‍सपेयर के बारे में CBI, ED या अन्य एजेंसियों से टैक्‍स चोरी से जुड़ी जानकारी मिली है और उसने ITR (आयकर रिटर्न) फाइल क‍िया है तो ऐसे मामले की भी स्क्रूटनी की जाएगी.

किन मामलों में जांच जरूरी नहीं?
कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें आयकर रिटर्न (ITR) की जांच जरूरी नहीं होगी. अगर कोई टैक्‍सपेयर सेक्‍शन 142(1) के तहत मिले नोटिस के जवाब में ITR फाइल करता है और जानकारी AIS, TDS-CPC या SFT सिस्टम से मिली है तो यह दिशानिर्देश उस पर लागू नहीं होगा. ऐसे मामलों को CASS (कंप्यूटर असिस्टेड स्क्रूटनी सेलेक्शन) के तहत जांच के लिए चुना जाएगा. अगर किसी जांच में सीमित मात्रा में तीसरे पक्ष की जानकारी मिलती है तो उसे सेंट्रल सर्कल में भेजना जरूरी नहीं होगा. 

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