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नए फाइनेंश‍ियल ईयर के ल‍िए सीतारमण खोला खजाने का मुंह, 51 लाख करोड़ का बजट पेश किया

Union Budget 2025: बजट दस्तावेजों के अनुसार, 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये तय किये गए हैं. इसकी तुलना में चालू वित्त वर्ष के लिए यह राशि 4,15,356.25 करोड़ रुपये है. 

नए फाइनेंश‍ियल ईयर के ल‍िए सीतारमण खोला खजाने का मुंह, 51 लाख करोड़ का बजट पेश किया
Zee News Desk|Updated: Feb 01, 2025, 05:47 PM IST
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Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शन‍िवार को आम बजट 2025-26 पेश किया. इसमें सरकार ने 50,65,345 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान जताया. यह राशि चालू वित्त वर्ष के मुकाबले 7.4 प्रतिशत ज्‍यादा है. फाइनेंश‍ियल ईयर 2024-25 का खर्च का अनुमान करीब 47.16 लाख करोड़ रुपये है. बजट दस्तावेजों के अनुसार, 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये तय किये गए हैं. इसकी तुलना में चालू वित्त वर्ष के लिए यह राशि 4,15,356.25 करोड़ रुपये है.

बजट अनुमानों में कई कारणों से इजाफा हुआ

केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 16.29 लाख करोड़ रुपये तय क‍िये गए हैं, जबकि 2024-25 के लिए यह 15.13 लाख करोड़ रुपये हैं. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए व्यय के बजट अनुमानों में कई कारणों से वृद्धि हुई है, जिनमें मार्केट लोन, राजकोषीय बिल, बाहरी ऋण, लघु बचत और भविष्य निधि पर ब्याज के भुगतान में वृद्धि शामिल हैं. इसके अलावा बजट में पूंजीगत व्यय सहित सशस्त्र बलों की अधिक आवश्यकताओं और रोजगार सृजन योजना के लिए अधिक प्रावधान शामिल हैं.

कुल व्यय अनुमान 54.97 लाख करोड़ रुपये
अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है. राज्यों को हस्तांतरित किए जा रहे कुल संसाधन 2025-26 के बजट में 25,01,284 करोड़ रुपये हैं, जो 2023-24 के वास्तविक आंकड़ों से 4,91,668 करोड़ रुपये अधिक है. इसमें राज्यों के हिस्से का हस्तांतरण, अनुदान/ऋण और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत जारी राशि शामिल हैं. यदि सार्वजनिक उद्यमों के संसाधनों को शामिल किया जाए, तो बजट में कुल व्यय 54.97 लाख करोड़ रुपये हो जाता है.

किराये की आमदनी वालों को फायदा होगा
बजट पर अपनी राय रखते हुए काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि रियल एस्टेट बायर्स के लिए खुद के दो घरों को टैक्स में जीरो मानने का प्रस्ताव म‍िड‍िल क्‍लास को राहत म‍िलेगी. ऐसे लोग ज‍िनके पास अपने गांवों में दूसरा घर है. किराये की आमदनी पर TDS की ल‍िमि‍ट ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख करने से किराये पर निर्भर रहने वाले लोगों को फायदा होगा. 12 लाख तक की आमदनी को टैक्‍स फ्री करने से म‍िड‍िल क्‍लास के पास आने वाले समय में रियल एस्टेट में निवेश के लिए ज्यादा पैसा होगा. 

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