Noida Expressway: नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच ट्रैफिक की समस्या से राहत के लिए दूसरा एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना पर केंद्र सरकार की तरफ से प्लानिंग की जा रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एनएचएआई (NHAI) नोएडा अथॉरिटी और गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा के 30 किमी लंबे यमुना तट के किनारे बाईपास एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव पर विचार करेगा. नोएडा में एक कार्यक्रम मे दौरान गडकरी ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं होगी और एनएचएआई (NHAI) इस प्रोजेक्ट को शुरू कर सकता है.
नोएडा एक्सप्रेसवे पर इस कारण बढ़ रहा ट्रैफिक
अभी नोएडा से ग्रेटर नोएडा को कनेक्ट करने वाले नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का बढ़ता दबाव, तेजी से हो रहा रियल एस्टेट डेवलपमेंट और जल्द शुरू होने वाला नोएडा एयरपोर्ट के कारण नए रास्ते की जरूरत बढ़ रही है. मार्च में नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. शुरू में एनएचएआई (NHAI) ने यमुना पुश्ता रोड को नेशनल हाइवे घोषित करने में देरी के कारण इस प्रोजेक्ट से पीछे हटने का फैसला किया था. लेकिन नोएडा अथॉरिटी चाहती है कि एनएचएआई (NHAI) ही इसे बनाए.
रोजाना करीब 5 लाख वाहन गुजरते हैं
25 किमी लंबे नोएडा एक्सप्रेसवे से रोजाना करीब पांच लाख वाहन गुजरते हैं. इसमें डीएनडी फ्लाईवे से दो लाख, चिल्ला बॉर्डर से एक लाख और कालिंदी कुंज, सेक्टर-15, 16, 18 और 37 जैसे अन्य प्वाइंट से एक-एक लाख वाहन आते हैं. दूसरी तरफ 2014 में खुली 11 किमी लंबी यमुना तट रोड का इस्तेमाल कम हुआ है और यह खराब हो चुकी है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच बनने वाला दूसरा एक्सप्रेस-वे छह लेन का हो सकता है.
गडकरी ने कहा कि 'एक पेड़ मां के नाम' पहल वाहनों के प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण संतुलन को बढ़ाने के लिए है. NHAI ने कहा कि यह कॉरिडोर देश में ग्रीन डेवलपमेंट का उदाहरण बनेगा. गडकरी ने बताया कि सड़क निर्माण में 80 लाख टन कचरे का उपयोग हो चुका है और हाइवे पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग भी लागू की जा रही है. नए एक्सप्रेसवे के लिए एनएचएआई (NHAI) की औपचारिक मंजूरी का इंतजार है.