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1 लाख से अधिक शेयरधारकों के साथ 'NSE' बनी भारत की सबसे बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. लेटेस्ट इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, एनएसई 1,00,000 से अधिक शेयरधारकों के साथ भारत की सबसे बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनी बन गई है.

 1 लाख से अधिक शेयरधारकों के साथ 'NSE' बनी भारत की सबसे बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनी
Bavita Jha |Updated: May 15, 2025, 03:49 PM IST
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NSE: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. लेटेस्ट इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, एनएसई 1,00,000 से अधिक शेयरधारकों के साथ भारत की सबसे बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनी बन गई है. इस उपलब्धि के साथ एनएसई देश की चुनिंदा कंपनियों में एक बन गई है, जिनमें निवेशकों की संख्या इतनी अधिक है. 

इसी के साथ एनएसई की यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण बन जाती है क्योंकि भारत में बहुत कम लिस्टेड कंपनियां शेयरहोल्डर बेस को लेकर इस उपलब्धि को हासिल कर पाई हैं. शेयरधारकों की संख्या में प्रभावशाली वृद्धि एक्सचेंज में निवेशकों की मजबूत रुचि को दर्शाती है, जो देश के फाइनेंशियल इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. एनएसई ने भारत के प्रतिभूति बाजार में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति के कारण लगातार ध्यान आकर्षित किया है, जो इक्विटी, डेरिवेटिव और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट में व्यापार के लिए एक प्रमुख मंच है.  

इस बीच, 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के लिए एनएसई ने कंसोलिडेटेड कुल आय में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो 19,177 करोड़ रुपए तक पहुंच गई. इसकी फाइलिंग के अनुसार, वित्त वर्ष के लिए शुद्ध लाभ 47 प्रतिशत बढ़कर 12,188 करोड़ रुपए हो गया. प्रति शेयर आय भी पिछले वित्त वर्ष के 33.56 रुपए से बढ़कर 49.24 रुपए हो गई, जिसमें 4:1 रेश्यो में बोनस इक्विटी शेयर जारी करना शामिल है. 

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा कि निदेशक मंडल ने 35 रुपए प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है, जिसमें 11.46 रुपए का विशेष एकमुश्त लाभांश शामिल है. इसके अतिरिक्त, एनएसई ने सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी), स्टाम्प ड्यूटी, सेबी फीस, आयकर और जीएसटी सहित विभिन्न शुल्कों के माध्यम से वित्त वर्ष 2025 में भारतीय खजाने में 59,798 करोड़ रुपए का योगदान दिया.  

इसके अलावा, एक्सचेंज ने हाल ही में स्पष्ट किया कि उसने नियामकीय बाधाओं की अटकलों के बीच अपने लंबे समय से लंबित आईपीओ के बारे में सरकार से संपर्क नहीं किया है. मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए, एनएसई ने कहा कि पिछले 30 महीनों में उसके आईपीओ के संबंध में सरकार को पत्र नहीं भेजे गए हैं.  इसने नियामकीय अनुपालन और मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. आईएएनएस

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