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NSE और बीएसई की एक्‍सपायरी बदली, सेबी ने दोनों एक्सचेंज को दी मंजूरी

बीएसई की ओर से सेबी को एक्सपायरी को मंगलवार से गुरुवार शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया गया था और सेबी ने सुझाव स्वीकार कर लिया है. दोनों एक्सचेंजों ने मई में जारी सेबी के निर्देश के बाद बदलावों को लेकर नए सर्कुलर जारी किए हैं.

NSE और बीएसई की एक्‍सपायरी बदली, सेबी ने दोनों एक्सचेंज को दी मंजूरी
Updated: Jun 17, 2025, 10:55 PM IST
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Share Market: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की तरफ से घोषणा की गई क‍ि उसे इक्‍व‍िटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी के दिन को गुरुवार से मंगलवार शिफ्ट करने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिल गई है. यह कदम एक्सचेंजों में एक्सपायरी दिनों को मैनेज करने और अस्थिरता को कम करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है. नया एक्सपायरी शेड्यूल 1 सितंबर, 2025 से लागू होगा.

एक्सपायरी का दिन शिफ्ट करने की मंजूरी दी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को भी मंगलवार से गुरुवार को एक्सपायरी दिन शिफ्ट करने की मंजूरी दे दी है. बीएसई की ओर से सेबी को एक्सपायरी को मंगलवार से गुरुवार शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया गया था और सेबी ने सुझाव स्वीकार कर लिया है. दोनों एक्सचेंजों ने मई में जारी सेबी के निर्देश के बाद बदलावों को लेकर नए सर्कुलर जारी किए हैं.

एनएसई की तरफ से जारी सर्कुलर के अनुसार सभी मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी गुरुवार को जारी रहेगी, सिवाय लंबी अवधि वाले इंडेक्स ऑप्शंस की, जिन्हें पिछली प्रैक्टिस के अनुरूप पुनर्गठित किया जा सकता है. नए कॉन्ट्रैक्ट्स जो 31 अगस्त, 2025 को या उससे पहले समाप्त हो रहे हैं, वे भी गुरुवार को ही एक्सपायर होंगे. हालांकि, 1 सितंबर, 2025 से एक्सपायरी मंगलवार को स्थानांतरित हो जाएगी और मासिक कॉन्ट्रैक्ट्स प्रत्येक महीने के अंतिम मंगलवार को समाप्त होंगे.

वहीं, बीएसई का सर्कुलर भी कुछ इसी तरह का है. सभी मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स अपनी वर्तमान एक्सपायरी के तहत समाप्त होंगे. जहां आवश्यक हो लंबी अवधि के इंडेक्स ऑप्शंस को समायोजित किया जाएगा. बीएसई नए कॉन्ट्रैक्ट्स जो 31 अगस्त, 2025 को या उससे पहले समाप्त हो रहे हैं, वे भी मंगलवार को ही एक्सपायर होंगे. हालांकि, 1 सितंबर, 2025 से एक्सपायरी गुरुवार को स्थानांतरित हो जाएगी.

ये फैसला सेबी की सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमेटी (SMAC) में विस्तृत चर्चा के बाद लिए गए, जिससे एक्सपायरी दिनों में एकरूपता लाई जा सके और एक्सचेंजों के बीच सुचारू बदलाव सुनिश्चित किया जा सके. (IANS) 

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