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भारत में नए ऑफिस की डिमांड ऑल टाइम हाई पर, दिल्ली-मुंबई को पछाड़ इन शहरों ने मारी बाजी

साल 2024 में 7 बड़े शहरों में नए ऑफिस की सप्लाई 515 लाख वर्ग फीट पर पहुंच गई है. ग्रेड-ए ऑफिस स्पेस की मांग में उछाल ने पूरे साल डेवलपर्स को एक्टिव रखा.

भारत में नए ऑफिस की डिमांड ऑल टाइम हाई पर, दिल्ली-मुंबई को पछाड़ इन शहरों ने मारी बाजी
Sudeep Kumar|Updated: Feb 27, 2025, 05:12 PM IST
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Office In Hyderabad: भारत के ऑफिस मार्केट के लिए 2024 सुनहरा साल रहा है. इस वर्ष देश में किसी भी साल में सबसे अधिक सप्लाई दर्ज की है. गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में 7 बड़े शहरों में नए ऑफिस की सप्लाई 515 लाख वर्ग फीट पर पहुंच गई है. ग्रेड-ए ऑफिस स्पेस की मांग में उछाल ने पूरे साल डेवलपर्स को एक्टिव रखा.

कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी में पिछले साल की तुलना में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 515 लाख वर्ग फीट तक पहुंच गई है, जो अब तक की सबसे अधिक सप्लाई है. वेस्टियन की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप सात शहरों में हैदराबाद और उसके बाद बेंगलुरु में सबसे अधिक फ्रेश सप्लाई देखी गई.

2024 में मजबूत अब्सोर्प्शन और सप्लाई के साथ, वैकेंसी रेट में थोड़ा सुधार हुआ, जो 2023 में 13.98 प्रतिशत से घटकर 2024 में 13.91 प्रतिशत हो गई. इसके अलावा टॉप सात शहरों में किराए में 3.8 से लेकर 8.2 प्रतिशत तक का उछाल आया है.

फ्लेक्स सेक्टर में भी तेजी आने की उम्मीद

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में अब्सोर्प्शन 707 लाख वर्ग फीट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है. एनसीआर और कोलकाता को छोड़कर सभी शहरों ने 2024 के दौरान अपने उच्चतम अब्सोर्प्शन लेवल की जानकारी दी.

वेस्टियन के सीईओ श्रीनिवास राव ने कहा, "आईटी-आईटीईएस सेक्टर ने 2024 के दौरान 36 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लीजिंग एक्टिविटी पर अपना दबदबा बनाए रखा. एक साल पहले की तुलना में यह हिस्सेदारी 24 प्रतिशत से बढ़ गई है. जबकि, जीसीसी की मजबूत मांग के कारण आईटी इंडस्ट्री के 2025 में आगे होने की उम्मीद है, बीएफएसआई और फ्लेक्स स्पेस जैसे दूसरे सेक्टर में भी तेजी आने की उम्मीद है."

बेंगलुरु ने दिखाया दबदबा

बेंगलुरु ने 2024 में 177 लाख वर्ग फुट के साथ अब्सोर्प्शन पर अपना दबदबा बनाया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है. हालांकि, पिछले साल की तुलना में हिस्सेदारी 25 प्रतिशत पर स्थिर रही.

पूरे भारत में अब्सोर्प्शन में मुंबई की हिस्सेदारी 2023 में 14 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 18 प्रतिशत हो गई, जबकि एनसीआर की हिस्सेदारी 2023 में 17 प्रतिशत से घटकर 2024 में 13 प्रतिशत हो गई.

भारत में कार्यालय वाली कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का संकल्प लिया है, जिससे भारत में ग्रीन-सर्टिफाइड ऑफिस स्पेस की मांग में वृद्धि हुई है, इसलिए व्यवसायियों के बीच स्थिरता पर जोर बढ़ गया है. राव ने कहा कि इस बदलाव की उम्मीद करते हुए प्रमुख डेवलपर्स सस्टेनेबल ऑफिस बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं.

(कॉपी-IANS)

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