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पीयूष गोयल का दावा, छह महीने में यूएस से 500 अरब डॉलर का ट्रेड एग्रीमेंट करने की तैयारी

गोयल ने यहां उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की भारत-कतर व्यापार मंच बैठक के मौके पर संवाददाताओं से कहा, '...अगले छह से आठ महीनों में एक मजबूत व्यापार समझौता स्थापित करके हम व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

पीयूष गोयल का दावा, छह महीने में यूएस से 500 अरब डॉलर का ट्रेड एग्रीमेंट करने की तैयारी
Zee News Desk|Updated: Feb 18, 2025, 02:57 PM IST
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India-US Relation: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने तथा अगले छह से आठ माह में एक ‘मजबूत’ व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय वाणिज्य को दोगुने से अधिक करते हुए 500 अरब डॉलर करने तथा 2025 तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की पहली किस्त पर बातचीत करने की घोषणा की. 

व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध

गोयल ने कहा कि एक बार उनके अमेरिकी समकक्ष के कार्यभार संभालने के बाद दोनों देश समझौते की रूपरेखा पर चर्चा करेंगे. गोयल ने यहां उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की भारत-कतर व्यापार मंच बैठक के मौके पर संवाददाताओं से कहा, '...अगले छह से आठ महीनों में एक मजबूत व्यापार समझौता स्थापित करके हम व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.' उन्होंने कहा कि दोनों देशों के कारोबारी इस समझौते को लेकर उत्साहित हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या समझौते में वस्तुओं, सेवाओं और निवेश से संबंधित अध्याय होंगे, तो उन्होंने कहा, 'अमेरिका में मेरे समकक्ष ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है... (पुष्टि) के बाद, हम बातचीत करेंगे और उसके बाद ही हम आगे का रास्ता तय कर सकते हैं.'

आमतौर पर मुक्त व्यापार समझौते (FTA) में दो व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को या तो समाप्त कर देते हैं या काफी कम कर देते हैं. इसके अलावा, वे सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, दोनों देशों ने एक छोटे व्यापार समझौते पर चर्चा की थी, लेकिन जो बाइडन प्रशासन ने इसे टाल दिया था क्योंकि वे इस तरह के समझौतों के पक्ष में नहीं थे.

साल 2023 में वस्तुओं और सेवाओं में अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार 190.08 अरब डॉलर (वस्तुओं में 123.89 अरब डॉलर और सेवाओं में 66.19 अरब डॉलर) था. उस वर्ष, अमेरिका को भारत का माल निर्यात 83.77 अरब डॉलर था, जबकि आयात 40.12 अरब डॉलर था, जिससे भारत के पक्ष में 43.65 अरब डॉलर का व्यापार घाटा रह गया. साल 2023 में अमेरिका को देश का सेवा निर्यात 36.33 अरब डॉलर था, जबकि आयात कुल 29.86 अरब डॉलर था. व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) भारत के पक्ष में 6.47 अरब डॉलर था. वित्त वर्ष 2021-24 के दौरान, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था.

अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है. वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका 119.71 अरब डॉलर के माल के द्विपक्षीय व्यापार (77.51 अरब डॉलर का निर्यात, 42.19 अरब डॉलर का आयात और 35.31 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष) के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था. भारत को अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 के दौरान अमेरिका से 67.8 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ. (भाषा)

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