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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का दावा, भारत 3 साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की राह पर

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने क्‍वांटेट‍िव बदलाव पर फोकस क‍िया है और इसने न केवल विकास पर बल्कि इंक्लूसिव, सस्टेनेबल और ऑनेस्ट ग्रोथ पर फोकस किया है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का दावा, भारत 3 साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की राह पर
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jun 25, 2025, 04:10 PM IST
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Indian Economy: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की राह पर है. उम्मीद है कि अगले तीन साल में इस टारगेट को हासिल कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि साल 2027 तक हमें दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की उम्मीद है. उन्होंने आगे कहा कि सभी हितधारक सरकार, व्यापार समुदाय, उद्योग, व्यापार और 140 करोड़ भारतीय, प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण से गहराई से जुड़े हुए हैं.

देश दुन‍िया की शीर्ष 5 इकोनॉमी में से एक बन गया

मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MCCI) की तरफ से आयोजित वेबिनार में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने क्‍वांटेट‍िव बदलाव पर फोकस क‍िया है और इसने न केवल विकास पर बल्कि इंक्लूसिव, सस्टेनेबल और ऑनेस्ट ग्रोथ पर फोकस किया है. इस वेबिनार का टॉप‍िक 'भारत का 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर कदम: वैश्‍व‍िक चुनौतियों का सामना करना' था. देश की आर्थिक मजबूती को लेकर केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि देश कमजोर पांच इकोनॉमी से निकलकर दुनिया की शीर्ष 5 इकोनॉमी में से एक बन गया है.

हमारे पास मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक आधार
उन्होंने कहा, 'हमारे पास मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक आधार है. हमारी बैंकिंग प्रणाली मजबूत और सुदृढ़ है, जिसमें उधार देने की उच्च क्षमता है. हमारी मुद्रास्फीति भारत में अब तक देखी गई सबसे कम महंगाई में से एक है, जो कि फिर से 3 प्रतिशत तक नीचे आ गई है.' सरकार ने भारतीय विकास के अनुरूप विकास हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया है तथा वह सेवा, सुशासन और नवाचार में व‍िश्‍वास रखती है. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने भारतीय कहानी के लिए संतुलित विकास हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया है, जो 'सेवा, सुशासन और नवाचार' में व‍िश्‍वास करती है.

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस टारगेट को हास‍िल करने में अमृत काल के दौरान एमसीसीआई बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा. इस तरह के संवाद सरकार को यह समझने में मदद करते हैं कि वैश्विक अस्थिरता, अशांति और अनिश्चितता के बावजूद उद्योगों का समर्थन करने के लिए क्या करने की जरूरत है.

केंद्रीय मंत्री गोयल ने जोर देते हुए कहा, 'इतिहास हमें याद दिलाता है कि महान अर्थव्यवस्थाएं शांत पानी में नहीं बनती हैं. महान अर्थव्यवस्थाएं अशांत समुद्र में बनती हैं.' उन्होंने कहा कि भारत के लिए इस मौके का फायदा उठाने का समय है और इस अवसर को नहीं गंवाना चाहिए. उन्होंने एमसीसीआई की 124 साल की यात्रा की प्रशंसा करते हुए इसे सरकार, हितधारकों और उद्योगों के बीच एक पुल बताया. (IANS) 

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