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PNB समेत इन 8 बैंकों पर सबसे ज्यादा एनपीए, जानिए कब लोन बन जाता है NPA, कर्ज नहीं चुकाने वालों का क्या?

कई बार आपने सुना होगा कि बैंकों NPA के चलते बड़ा नुकसान हुआ है.जिस बैंक पर जितना एनपीए, उसकी उनकी हालात खराब, लेकिन ये एनपीए होता है क्या ? जब लोन एनपीए बन जाता है और कर्ज न चुकाने वाले का क्या होता है? इन सबके बारे में जानेंगे.

 Highest Bank NPA
Highest Bank NPA
Bavita Jha |Updated: Jan 14, 2024, 04:18 PM IST
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Highest Bank NPA: कई बार आपने सुना होगा कि बैंकों NPA के चलते बड़ा नुकसान हुआ है.जिस बैंक पर जितना एनपीए, उसकी उनकी हालात खराब, लेकिन ये एनपीए होता है क्या ? जब लोन एनपीए बन जाता है और कर्ज न चुकाने वाले का क्या होता है? इन सबके बारे में जानेंगे. साथ ही उन 8 बैंकों की लिस्ट भी, जो सबसे ज्यादा एनपीए के बोझ तले दबे हैं.  

क्या है NPA 

एनपीए यानि नॉन परफॉर्मिंग एसेट (Non Performing Asset). यानी फंसा हुआ कर्ज.  सीधे तौर पर कहे तो बैंक का डूबा हुआ लोन. जब कर्जदाता लोन लेने के बाद उसे नहीं चुका पाता है तो बैंकों की रकम फंस जाती है. बैंक इन कर्ज को एनपीए घोषित कर देती है.  

कब लोन बन जाता है NPA

अगर किसी बैंक लोन की किस्त 90 दिनों तक नहीं चुकाई जाती है तो बैंक उस लोन को एनपीए घोषित कर देता है. बैंक उस कर्ज को फंसा हुआ कर्ज मान लेते हैं. जिस बैंक का एनपीए जितना अधित उसकी सेहत उतनी खराब मानी जाती है. बैंक एनपीए को तीन कैटेगरी में बांटता है.  बैंक एनपीए को सबस्टैंडर्ड असेट्स, डाउटफुल असेट्स और लॉस असेट्स में बांट देती है. जब कोई लोन खाता एक साल तक सबस्टैंडर्ड असेट्स खाते की श्रेणी में रहता है तो उसे डाउटफुल असेट्स मान लिया जाता है. अगर कर्ज वसूली की संभावना खत्म हो जाती है, उसे  लॉस असेट्स मान लिया जाता है. 

क्या होता है लोन न चुकाने वालों का  

कर्ज न चुकाने वाले ग्राहकों को सिबिल स्कोर खराब हो जाता है. सिबिल स्कोर खराब होने पर अगली बार किसी भी लोन में दिक्कत आती है. अगर लोन मिलता भी है तो उसे ज्यादा ब्याज चुकाना होता है.  बैंक कर्जधारक को लोन खत्म करने के लिए टाइम देती है. डेडलाइन खत्म होने के बाद बैंक संपत्ति की नीलामी कर सकती है.  

इन  8 बैंकों पर सबसे ज्याद NPA 

 एनपीए के मामले में सबसे खराब स्थिति वाले 8 बैंकों में 4 बैंक प्राइवेट सेक्टर के हैं तो वहीं चार सरकारी बैंक हैं. सबसे खराब संपत्ति गुणवत्ता के मामले में सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक का नाम शामिल है, जिसका नेट दूसरी तिमाही में एनपीए 1.46 फीसदी है. इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक,  बैंक ऑफ इंडिया , सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया,केरल बेस्ड प्राइवेट बैंक साउथ इंडियन बैंक,पंजाब एंड सिंध बैंक, बंधन बैंक और सिटी यूनियन बैंक का नाम शामिल है.  

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