ट्रेन टिकट बुकिंग के दौरान वेटिंग लिस्ट में नाम आना यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है. लेकिन अब भारतीय रेलवे ने इस चिंता का एक स्मार्ट समाधान खोज निकाला है. नए बदलावों के चलते अब वेटिंग टिकट कन्फर्म होने की संभावना 70 से 75 प्रतिशत तक बढ़ गई है, जिससे यात्रियों को न केवल राहत मिली है बल्कि दलालों का खेल भी कमजोर हुआ है.
रेलवे ने टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब कुल उपलब्ध सीटों के केवल 25% टिकट ही वेटिंग में जारी किए जा रहे हैं, जिससे सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ी है और कन्फर्म टिकटों की संख्या में इजाफा हुआ है. इससे पहले यात्रियों को आखिरी वक्त तक टिकट कन्फर्म न होने की चिंता सताती थी और कई बार उन्हें महंगे दाम पर तत्काल टिकट खरीदने या यात्रा रद्द करने को मजबूर होना पड़ता था.
रेलवे अधिकारी का बयान
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि यह बदलाव यात्रियों का ट्रेवल ट्रेंड और डेटा एनालिसिस के आधार पर किया गया है. इससे टिकट दलालों पर लगाम लगी है और असली यात्रियों को सीट मिलने लगी है. उन्होंने बताया कि अब चार्ट तैयार करने की प्रक्रिया भी ट्रेन के चलने से 8 घंटे पहले पूरी हो रही है, जिससे वेटिंग टिकटों को ऑटोमेटिक तरीके से कन्फर्म किया जा रहा है.
बदलाव का फायदा क्या?
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि अब ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म पर कन्फर्म टिकटों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इससे यात्रियों को न केवल बेहतर प्लानिंग करने का मौका मिल रहा है, बल्कि ट्रेनों में सफर करना भी पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. रेलवे के इस कदम को यात्रियों की सुविधा की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है. यह बदलाव दिखाता है कि कैसे तकनीक और डेटा के इस्तेमाल से भारत का रेलवे सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और यात्रियों के अनुकूल हो रहा है.