भारतीय शेयर बाजार में अगर किसी निवेशक का नाम एक मिसाल की तरह लिया जाता है, तो वो हैं राकेश झुनझुनवाला. महज 5000 रुपये की पूंजी से अपने सफर की शुरुआत करने वाले इस 'बिग बुल' ने करीब 50,000 करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी की. उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सही रणनीति, स्टॉक मार्केट की समझ और धैर्य के साथ कोई भी आम आदमी एक दिन असाधारण निवेशक बन सकता है.
1985 में जब झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में कदम रखा, तब सेंसेक्स महज 150 के स्तर पर था. कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने ट्रेडिंग शुरू कर दी थी. उस समय निवेश की दुनिया बहुत सीमित थी, लेकिन उनमें जोखिम उठाने का साहस और बाजार की नब्ज पकड़ने की गहरी समझ थी.
सबसे बड़ी मिसाल
झुनझुनवाला की सफलता की सबसे बड़ी मिसाल मानी जाती है टाइटन कंपनी में उनका निवेश. 2003 में जब टाइटन के शेयर मात्र 36-40 रुपये के भाव पर मिल रहे थे, तब एक ब्रोकर ने उन्हें एक बड़ा लॉट खरीदने का मौका दिया. पहले तो उन्होंने सबसे छोटा लॉट लिया, लेकिन ब्रांड की मजबूती और ग्रोथ पोटेंशियल को समझते हुए धीरे-धीरे और निवेश करते रहे. कुछ सालों में उनकी हिस्सेदारी 5% से ज्यादा हो गई और टाइटन ने उन्हें 80 गुना से अधिक का रिटर्न दिया.
झुनझुनवाला का सीक्रेट
टाइटन के साथ उनके जुड़ाव की कहानी खुद झुनझुनवाला के दोस्त रमेश दमानी ने शेयर की थी. उन्होंने बताया कि यह निवेश कोई गहरी स्टडी या अंदरूनी जानकारी के कारण नहीं, बल्कि एक मौके को सही समय पर पकड़ने की वजह से हुआ था. झुनझुनवाला अक्सर निवेशकों से कहते थे कि शेयर बाजार में कमाई का कोई शॉर्टकट नहीं है. वे मानते थे कि मौसम, मौत, मार्केट और महिला इन चार चीजों की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. इसलिए बाजार में काम करने के लिए धैर्य सबसे जरूरी गुण है.
5.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति
अगस्त 2022 में उनके निधन के समय उनकी संपत्ति करीब 5.8 बिलियन डॉलर (लगभग ₹50,000 करोड़) थी. आज उनकी विरासत को उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला संभाल रही हैं और टाइटन सहित उनके निवेश पोर्टफोलियो से प्रेरणा लेकर हजारों नए निवेशक शेयर बाजार में कदम रख रहे हैं.