RBI Report: रिजर्व बैंक और सरकार की लगातार कोशिश के बावजूद फ्रॉड से जुड़े नए मामले सामने आ रहे हैं. आरबीआई (RBI) की तरफ से जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2024-25 में बैंक फ्रॉड की राशि करीब तीन गुना बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये हो गई. हालांकि धोखाधड़ी के मामलों में गिरावट आई है और ये 33.5% कम होकर 23,953 रह गए. यह बढ़त मुख्य रूप से साल 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 122 पुराने मामलों की फिर से जांच और लोन से जुड़े फ्रॉड बढ़ने के कारण हुई.
प्राइवेट बैंकों में धोखाधड़ी के 14233 मामले
केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार प्राइवेट बैंकों में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले (14233) दर्ज किये गए. लेकिन पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSU) में धोखाधड़ी की राशि सबसे ज्यादा थी. पीएसयू बैंकों ने कुल नुकसान का 71% हिस्सा यानी 25,667 करोड़ रुपये दर्ज किया. प्राइवेट बैंकों का नुकसान 10,088 करोड़ रुपये का रहा.
लोन से जुड़ा फ्रॉड बढ़कर 33,148 करोड़ पर पहुंचा
लोन से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में सबसे ज्यादा 230% की बढ़ोतरी हुई. इतना ही नहीं मामले बढ़ने के साथ ही इनका मूल्य बढ़कर 33,148 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. ऐसे मामलों की संख्या भी करीब दोगुनी होकर 7,950 हो गई. दूसरी तरफ कार्ड और इंटरनेट फ्रॉड से जुड़े मामले में गिरावट आई और ये 63% कम होकर 520 करोड़ रुपये पर पहुंच गए. इनके मामले भी आधे से ज्यादा घटकर 13,516 रह गए.
122 पुराने मामलों की जांच चल रही
आरबीआई (RBI) की तरफ से बताया गया कि फ्रॉड की राशि में बढ़त का बड़ा कारण 122 पुराने मामलों की पुन: जांच रही. इनकी कुल कीमत करीब 18,674 करोड़ रुपये रही. ये मामले सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2023 के फैसले के बाद दोबारा दर्ज किए गए, जिसमें फ्रॉड की पहचान से पहले उचित प्रोसेस का पालन करना जरूरी है. आरबीआई की तरफ से कहा गया कि डिजिटल पेमेंट और लोन पोर्टफोलियो में धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं. बैंकिंग सिस्टम में रिस्क को कम करने के लिए आरबीआई खासकर प्राइवेट और छोटे बैंकों पर निगरानी बढ़ाएगा.