Nomura Report: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा बुधवार (4 जून) से शुरू हो गई. जानकारों की तरफ लगातार तीसरी बार ब्याज दर में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन नोमुरा की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 2025 के अंत तक रेपो रेट में 100 बेस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 6 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगी. नोमुरा की 'एशिया एच2 आउटलुक' रिपोर्ट में ग्लोबल ब्रोकरेज ने जीडीपी ग्रोथ आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान की तुलना में 6.2 प्रतिशत और महंगाई आरबीआई के 4 प्रतिशत के टारगेट की तुलना में 3.3 प्रतिशत, दोनों के खराब प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी है.
रेपो रेट के फैसले से पहले ब्रोकरेज ने जताई उम्मीद
नोमुरा ने कहा कि यही कारण है कि ब्रोकरेज को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट समेत नीतिगत दर को अतिरिक्त कटौती करेगा. आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को किये जाने वाले रेपो रेट के फैसले से पहले ब्रोकरेज को उम्मीद है कि आरबीआई जून, अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर 2025 में 25 बेस प्वाइंट की कटौती कर सकता है. नोट में कहा गया है, 'हम उम्मीद करते हैं कि सरकार राजकोषीय अनुशासन बनाए रखेगी, जबकि मौद्रिक नीति मुख्य भूमिका निभाएगी.' नोमुरा ने कहा कि आरबीआई से विदेशी मुद्रा में, विशेष रूप से यूएसडी / आईएनआर के मामले में ज्यादा फ्लेक्सिबल होने की उम्मीद है.
4-6 जून तक होगी आरबीआई की एमपीसी की मीटिंग
आरबीआई की एमपीसी की मीटिंग 4-6 जून को हो रही है. जानकारों को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक लगातार तीसरी बार 25 बेस प्वाइंट की दर कटौती करेगा क्योंकि महंगाई दर 4 प्रतिशत के टारगेट से नीचे बनी हुई है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह इकोनॉमी की उत्पादक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए मौद्रिक नीति के रुख के अनुरूप लिक्विडिटी मैनेजमेंट करना जारी रखेगा.
केंद्रीय बैंक ने अपनी '2024-25 सालाना रिपोर्ट' में कहा, 'मुद्रास्फीति परिदृश्य और मीडियम ग्रोथ के लिए मौद्रिक नीति को विकास- समर्थक होना चाहिए, जबकि तेजी से विकसित हो रही वैश्विक वृहद आर्थिक स्थितियों के बारे में सतर्क रहना चाहिए.' इससे पहले आरबीआई एमपीसी ने अपनी अप्रैल की बैठक में सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो रेट को 25 बेस प्वाइंट घटाकर 6 प्रतिशत करने के लिए वोट किया था. (IANS)