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RBI ने रेपो रेट में नहीं क‍िया बदलाव, होम लोन की EMI में राहत म‍िलने की उम्‍मीद को झटका

केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रत‍िशत पर ही बरकरार रखा है. आरबीआई (RBI) चीफ शक्‍त‍िकांत दास ने एमपीसी में ल‍िये गए फैसले के बारे में जानकारी दी. उन्‍होंने बताया क‍ि एमपीसी में रेपो रेट में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला क‍िया गया.

RBI ने रेपो रेट में नहीं क‍िया बदलाव, होम लोन की EMI में राहत म‍िलने की उम्‍मीद को झटका
Kriyanshu Saraswat|Updated: Oct 09, 2024, 01:35 PM IST
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RBI Repo Rate: अगर आप भी लंबे समय से होम लोन की ईएमआई (EMI) कम होने का इंतजार कर रहे हैं तो आरबीआई (RBI) ने आपको फ‍िर से न‍िराश कर द‍िया है. 7 अक्‍टूबर को शुरू हुई तीन द‍िवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) का आज आख‍िरी द‍िन है. आरबीआई ने लगातार दसवीं बार रेपो रेट में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं क‍िया. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रत‍िशत पर ही बरकरार रखा है. आरबीआई (RBI) चीफ शक्‍त‍िकांत दास ने एमपीसी में ल‍िये गए फैसले के बारे में जानकारी दी. उन्‍होंने बताया क‍ि एमपीसी में रेपो रेट में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला क‍िया गया. र‍िजर्व बैंक की तरफ से आख‍िरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रत‍िशत क‍िया था.

फेड र‍िजर्व ने की थी 50 बेस‍िस प्‍वाइंट की कटौती

आरबीआई की तरफ से रेपो रेट नहीं बदलने का फैसला ल‍िये जाने के बाद सस्‍ते होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन का इंतजार करने वालों को फ‍िर से झटका लगा है. इससे पहले स‍ितंबर के महीने में फेड र‍िजर्व की तरफ से ब्‍याज दर में 50 बेस‍िस प्‍वाइंट की कटौती क‍िये जाने के बाद आरबीआई के ऊपर भी ब्‍याज दर नीचे लाने का दवाब बढ़ गया था. हालांक‍ि कुछ जानकार द‍िसंबर में होने वाली एमपीसी में ब्‍याज दर में कटौती की उम्‍मीद कर रहे हैं.

एक्‍सपर्ट की राय
BASIC Home Loans के सीईओ अतुल मोंगा (Atul Monga) ने बताया क‍ि आरबीआई की तरफ से रेपो रेट को पुराने स्‍तर पर बरकरार रखने का मतलब है क‍ि केंद्रीय बैंक इकोनॉमी को संभालने में सावधानी बरत रहा है. इससे आने वाले समय में महंगाई और इकोनॉमी के प्रदर्शन के आधार पर ब्‍याज दर में बदलाव की संभावना है. यद‍ि महंगाई नियंत्रण में रहती है और इकोनॉमी स्थिर रहती है तो आरबीआई आने वाले समय में रेपो रेट कम कर सकता है. इससे होम लोन पर ब्याज दर कम होने के साथ दिसंबर 2024 तक EMI कम हो सकती है. आबीआई के फैसले के बाद यह भी ध्यान देना होगा क‍ि बैंक और एनबीएफसी इसका फायदा ग्राहकों को कब देते हैं.

साल में 6 बार होती है मीटिंग
केंद्रीय बैंक की तरफ से हर साल 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग होती है. वित्त वर्ष 2024-25 की यह तीसरी एमपीसी मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में रिजर्व बैंक की तरफ से महंगाई दर को ध्‍यान में रखकर रेपो रेट की समीक्षा की जाती है. इस पर क‍िसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले आरबीआई डिमांड, सप्लाई, इंफ्लेशन और क्रेडिट जैसी कई फैक्टर्स को ध्यान में रखता है.

आप पर क्‍या होता है असर?
आरबीआई की तरफ से रेपो रेट घटाने या बढ़ने का असर बैंकों की तरफ से द‍िये जाने वाले लोन की ब्याज दर पर पड़ता है. रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों की तरफ से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी प्रकार के लोन को महंगा कर द‍िया जाता है. आसान शब्‍दों में कहें तो बैंक ब्‍याज दर बढ़ा देते हैं. लेक‍िन यद‍ि आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है तो इससे लोन की ब्‍याज दर कम होती है.

क्‍या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन द‍िया जाता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है क‍ि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर लोन मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आद‍ि की ब्‍याज दर बढ़ जाएगी, ज‍िसका आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा. 

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