SBI Research Report: आरबीआई की तरफ से ग्लोबल अस्थिरता और महंगाई में कमी के चलते आने वाली मौद्रिक नीति कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है. यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में सामने आई. रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई अगस्त की एमपीसी मीटिंग में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है. अगर रेट में यह कटौती होती है तो इससे क्रेडिट ग्रोथ को FY 26 के फेस्टिव सीजन शुरू होने से पहले बड़ा बूस्ट मिलेगा. रिपोर्ट में बताया गया कि ऐतिहासिक तौर पर जब भी फेस्टिव सीजन शुरू होने से पहले ब्याज दर में कटौती की जाती है तो क्रेडिट ग्रोथ के बड़ा बूस्ट मिलता है.
महंगाई दर में कमी अस्थायी
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि केंद्रीय बैंकों के नीति निर्माताओं को बहुत देर से कार्रवाई करके प्रभावी हस्तक्षेप का अवसर गंवाने से बचना चाहिए. साथ ही कहा गया, 'बैकलोडिंग या टाइप II गलती करने का कोई मतलब नहीं है.' टाइप II गलती तब होती है जब केंद्रीय बैंक शून्य परिकल्पना को अस्वीकार करने में विफल रहता है, यह मानते हुए कि महंगाई में कमी अस्थायी है, और इसलिए दरों में कटौती नहीं करता है, लेकिन वास्तव में, महंगाई लगातार कम बनी रहती है और आउटपुट गैप कमजोर होता रहता है.
महंगाई दर 4 प्रतिशत से नीचे रहेगी
रिपोर्ट में आगे कहा गया, 'अच्छी खबर यह है कि ई-कॉमर्स को ज्यादा और खाद्य पदार्थों को कम महत्व देने वाली नई सीपीआई सीरीज का अर्थ यह हो सकता है कि औसत सीपीआई मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 27 में भी 4 प्रतिशत से नीचे बनी रहेगी.' रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक दो मुख्य लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, जिसमें पहला कीमतों को स्थिर रखना और दूसरा आर्थिक विकास को समर्थन देना है. आरबीआई ने आखिरी यानी जून की मौद्रिक नीति में रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती की थी. इससे पहले भी रिजर्व बैंक की तरफ से अप्रैल और फरवरी की एमपीसी में 25-25 आधार अंक की कटौती की गई थी.
घटकर कितना रह जाएगा रेपो रेट?
अगर इस पर अगस्त में फिर से कटौती की जाती है तो यह फरवरी से लेकर अगस्त के पहले हफ्ते तक 125 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो जाएगी. इस साल की शुरुआत में रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर था. तीन बार में आरबीआई ने इसमें 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की तो यह घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ गया. अब यदि इसमें फिर से 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जाती है तो यह घटकर 5.25 प्रतिशत रह जाएगा. महंगाई दर में गिरावट आने के कारण यह बदलाव रिजर्व बैंक की तरफ से फरवरी से अब तक किया गया है.
आपको कितना फायदा?
उदाहरण के तौर पर बात करें यदि आपने 50 लाख रुपये का होल लोन लिया हुआ है. यदि आपकी ब्याज दर 9 प्रतिशत की मान लें और अपने 20 साल की ईएमआई करा रखी है तो जनवरी 2025 में आपको हर महीने 44986 रुपये की ईएमआई का भुगतान करना पड़ रहा होगा. अब यदि अगस्त में कटौती होती है और रेपो रेट 125 बेसिस प्वाइंट कम होकर 5.25 प्रतिशत पर आता है तो इसका फायदा ब्याज दर में भी मिलेगा. बैंक की तरफ से यदि ब्याज में यह कटौती की जाती है तो ब्याज 9 प्रतिशत से कम होकर 7.75 प्रतिशत रह जाएगा. अब यदि इस पर ईएमआई की बात करें तो ईएमआई घटकर 41047 रुपये रह जाएगी. एक महीने की ईएमआई में 3939 रुपये की बचत हुई. पूरे साल की कैलकुलेशन करें तो यह 47,268 रुपये होता है.