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ड‍िज‍िटल बैंक‍िंग में होने वाला है बड़ा बदलाव, सर्व‍िस शुरू करने से पहले आपकी मंजूरी जरूरी

Changes in Digital Banking: बैंकों को कस्‍टमर के ट्रांजेक्‍शन ह‍िस्‍ट्री की स्‍टडी करनी होगी. यद‍ि उनका कोई लेनदेन संदिग्ध लगता है इसके ल‍िए पहले ग्राहक से पुष्टि लेनी होगी. बैंकों को डेली, वीकली और मंथली ट्रांजेक्‍शन की ल‍िमि‍ट भी तय करनी होगी.   

ड‍िज‍िटल बैंक‍िंग में होने वाला है बड़ा बदलाव, सर्व‍िस शुरू करने से पहले आपकी मंजूरी जरूरी
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jul 23, 2025, 07:04 AM IST
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Digital Banking: नेट बैंक‍िंग और मोबाइल बैंक‍िंग के लगातार बढ़ते इस्‍तेमाल के बीच लोगों के साथ फ्रॉड की घटनाएं भी बढ़ी हैं. अब र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) ने डिजिटल बैंकिंग को पहले से ज्‍यादा सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम नोट‍िफाई क‍िये हैं. इन नियमों में बैंकों को अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर थर्ड-पार्टी के प्रोडक्‍ट और सर्व‍िस दिखाने पर रोक लगाने की योजना है. इसमें बैंकों के अपने ग्रुप या प्रमोटर ग्रुप की सर्व‍िस भी शामिल हैं.

ड्राफ्ट 11 अगस्त तक सुझाव के लिए खुला

आरबीआई (RBI) की तरफ से अपने ड्राफ्ट में कहा गया क‍ि बैंकों के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर थर्ड-पार्टी के प्रोडक्‍ट या सर्व‍िस, जैसे कि उनकी सहायक कंपनियों, संयुक्त उद्यमों या सहयोगियों की सर्व‍िस, नहीं दिखाई जा सकेंगी. केवल RBI की अनुमति के बाद ही ऐसा संभव होगा. यह ड्राफ्ट 11 अगस्त तक लोगों के सुझावों के लिए खुला है. र‍िजर्व बैंक ने बैंकों को ग्राहकों के लेनदेन पर नजर रखने और धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के ल‍िए कहा है.

बैंकों की तरफ से असामान्य लेनदेन पर नजर रखी जाएगी
बैंकों को कस्‍टमर के ट्रांजेक्‍शन की आदतों की स्‍टडी करनी होगी और असामान्य लेनदेन पर नजर रखनी होगी. अगर कोई लेनदेन संदिग्ध लगता है, तो ग्राहक से पहले पुष्टि लेनी होगी. इसके लिए बैंकों को डेली, वीकली और मंथली लेनदेन की ल‍िमि‍ट तय करनी होगी. केंद्रीय बैंक की तरफ से यह भी साफ क‍िया गया क‍ि डिजिटल बैंकिंग सर्व‍िस के लिए कस्‍टमर की साफतौर पर सहमति लेना जरूरी है. यह सहमति लिखित रूप में दर्ज की जाएगी. इसके अलावा बैंकों को यह भी सुन‍िश्‍च‍ित करना होगा कि कस्‍टकर को डेबिट कार्ड जैसी सुविधाओं के लिए डिजिटल बैंकिंग का यूज करने के लिए मजबूर नहीं किया जाए.

नई सुव‍िधा शुरू करने से पहले आरबीआई की मंजूरी जरूरी
ग्राहकों को अपनी मर्जी से डिजिटल सर्व‍िस चुनने की आजादी होगी. जिन बैंकों ने मोबाइल ऐप के अलावा अन्य मोबाइल बैंकिंग सर्व‍िस शुरू की हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि ये सर्व‍िस सभी मोबाइल नेटवर्क पर उपलब्ध हों. नए लेनदेन संबंधी बैंकिंग सुविधाएं शुरू करने से पहले बैंकों को RBI से अनुमति लेनी होगी. इसके लिए बैंकों को अपने बोर्ड का प्रस्ताव और कम से कम 50 करोड़ रुपये की नेटवर्थ का प्रमाण देना होगा. आरबीआई (RBI) की तरफ से कहा गया क‍ि ये नियम डिजिटल बैंकिंग को और ज्‍यादा सुरक्ष‍ित बनाने और ग्राहकों को बेहतर ऑप्‍शन देने के लिए बनाए गए हैं. इनसे बैंकों में पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों का भरोसा मजबूत होगा.

FAQ
Q1. डिजिटल बैंकिंग क्या है?

A. डिजिटल बैंकिंग ऐसा प्रोसेस है जिसमें आप अपने बैंक के साथ ऑनलाइन या मोबाइल के जर‍िये लेनदेन कर सकते हैं.

Q2. डिजिटल बैंकिंग के क्या फायदे हैं?
A.
इसके जर‍िये आप कहीं भी और कभी भी 24/7 अपने अकाउंट में पैसे प्राप्‍त कर सकते हैं और पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. इसमें 
लेनदेन तेजी से होता है.

Q3. डिजिटल बैंकिंग का उपयोग कैसे करें?
A.
अधिकांश बैंक और फाइनेंश‍ियल इंस्‍टीट्यूशन अपने ग्राहकों के लिए मोबाइल ऐप मुहैया कराते हैं. आप बैंक या वित्तीय संस्थान की वेबसाइट पर लॉगइन करके डिजिटल बैंकिंग का यूज कर सकते हैं. 

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