Reserve Bank of India: चलन में मौजूद 2000 रुपये के नोटों में से करीब 50 प्रतिशत बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए हैं. यह जानकारी आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक समीक्षा नीति (MPC) की घोषणा करने के बाद पत्रकार वार्ता में दी. आपको बता दें केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने इन नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा 31 मार्च, 2023 तक 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट चलन में थे.
इकोनॉमी पर बहुत सीमित असर होगा
आरबीआई गवर्नर दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति जारी करने के बाद मीडिया से कहा, ‘इस घोषणा के बाद अबतक 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं.’ उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के करीब 85 प्रतिशत नोट बैंक अकाउंट में जमा किए जा रहे हैं, बाकी नोटों को छोटे नोटों से बदला जा रहा है. दास ने पिछले महीने कहा था कि 2,000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का इकोनॉमी पर ‘बहुत सीमित’ असर होगा.
नकदी की भरपाई के लिए लाया गया था 2000 का नोट
चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2,000 के नोट का हिस्सा महज 10.8 प्रतिशत है. उन्होंने कहा 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2,000 रुपये का नोट लाया गया था. गवर्नर ने कहा कि जिसके पास भी 2,000 रुपये का नोट है वह उसे अपने बैंक अकाउंट में जमा कर सकता है या किसी दूसरे नोट से बैंक में जाकर बदल सकता है. बैंकों को 2,000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2,000 के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे.’