Reliance Infra Result: अनिल अंबानी ग्रुप पर कुछ दिन पहले ही ईडी की छापेमारी से जुड़ी खबर आई थी. ईडी की कार्रवाई की खबर के बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयर लगातार टूट रहे थे. अब रिलायंस ग्रुप की एक और कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) की तरफ से निवेशकों को राहत भरी खबर दी गई है. जी हां, कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में 59.84 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है. पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 233.74 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
कंपनी की ऑपरेशनल कॉस्ट में गिरावट
हालांकि, इस दौरान कंपनी की ऑपरेशनल कॉस्ट 17.87% घटकर 5,907.82 करोड़ रुपये रही. यह पिछले साल 7,192.83 करोड़ रुपये थी. यह प्रॉफिट खर्चों में कमी और रेग्युलेटरी इनकम के कारण हुआ है. इस खबर के बाद रिलायंस इंफ्रा के शेयर में रिकवरी देखी गई. इससे पहले शुक्रवार को यह शेयर टूटकर बंद हुआ था. ईडी (ED) की तरफ से अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़े 3,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई जगह छापेमारी की गई. इसके बाद शेयर हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 5% गिरकर 342.05 रुपये पर बंद हुआ था.
रिलायंस इंफ्रा के शेयर में उठा-पटक
रिलायंस इंफ्रा के तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद कंपनी का शेयर 2.32% गिरकर खुला. हालांकि, इसके बावजूद भी शेयर में उतार-चढ़ाव जारी है. रिपोर्ट से सामने आया कि कंपनी ने खर्चों में करीब 329.49 करोड़ रुपये की कमी की है, यह पिछले साल के मुकाबले 4.85% की गिरावट है. इस तिमाही में कुल खर्च 6,469.81 करोड़ रुपये रहे, जबकि पिछले साल यह 6,799.30 करोड़ रुपये था. इस बचत से कंपनी को प्रॉफिट में आने में मदद मिली.
पावर सेक्टर आमदनी का बड़ा सोर्स
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का पावर सेक्टर आमदनी का बड़ा सोर्स बन रहा है. इस सेक्टर से कंपनी ने 1,039 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रॉफिट दर्ज किया. इंफ्रास्ट्रक्चर से 32.18 करोड़ रुपये की आमदनी हुई. लेकिन इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेगमेंट में 11.57 करोड़ रुपये का लॉस हुआ. इस तिमाही में कंपनी ने रिलायंस पावर में अपनी हिस्सेदारी 24.90% तक बढ़ाई. इसके लिए 9.88 करोड़ वारंट को इक्विटी शेयर में बदला गया. साथ ही, एक प्रमोटर ग्रुप कंपनी को 1.25 करोड़ इक्विटी शेयर दिये गए.
आपको बता दें कंपनी की कुल संपत्ति 67,445.74 करोड़ रुपये और देनदारियां 52,334.76 करोड़ रुपये हैं. पावर बिजनेस से संबंधित संपत्तियां 42,937.79 करोड़ रुपये की हैं. कंपनी के बोर्ड ने 350 मिलियन यूएस डॉलर के 10 साल के लिए विदेशी मुद्रा कन्वरटेबल बॉन्ड (FCCB) जारी करने की मंजूरी दी है. इसका कूपन रेट 5% होगा.