देश भर के हर मिडिल क्लास शख्स का सपना होता है कि उसकी बैंक अकाउंट में एक दिन करोड़ों की रकम हो, लेकिन ज्यादातर लोग इसे किस्मत या लॉटरी से जोड़कर देखते हैं. वहीं कुछ लोग शेयर बाजार के शॉर्टकट्स में उलझ जाते हैं और भारी नुकसान भी उठा लेते हैं. हालांकि, अगर आप अनुशासित निवेश की ताकत को समझें और एक स्ट्रैटेजिक पोर्टफोलियो अपनाएं, तो 10 से 12 साल में 1 करोड़ रुपये का फंड बनाना कोई सपना नहीं रह जाता. मुंबई के इन्वेस्टमेंट एडवाइजर रुशभ देसाई ने एक ऐसा ही ठोस फॉर्मूला शेयर किया है, जिससे कोई भी इन्वेस्टर बिना ज्यादा रिस्क लिए लंबी टर्म में बड़ा फंड तैयार कर सकता है.
रुशभ देसाई के अनुसार, अगर आप 35 साल के हैं और अगले 10 से 12 सालों में 1 करोड़ रुपये का फंड बनाना चाहते हैं, तो आपको 12% CAGR (सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न) के हिसाब से हर महीने करीब 35,000 की SIP में निवेश करना होगा. लेकिन सिर्फ निवेश करना काफी नहीं. उन्होंने बताया कि इस टारगेट को हासिल करने के लिए पोर्टफोलियो को पांच हिस्सों में बांटें:
1. 20% ग्रोथ ओरिएंटेड फ्लेक्सीकैप फंड्स में
2. 20% वैल्यू ओरिएंटेड फ्लेक्सीकैप फंड्स में
3. 20% कॉन्ट्रा फंड्स में
4. 20% मिड-कैप ग्रोथ फंड्स में
5. 20% स्मॉल-कैप ग्रोथ फंड्स में
डाइवर्सिफाइड स्ट्रैटेजी
यह डाइवर्सिफाइड स्ट्रैटेजी अलग-अलग मार्केट कैप और स्टाइल को कवर करती है, जिससे रिटर्न का खतरा कम हो जाता है और लॉन्ग टर्म में बेहतर परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है. रुशभ के अनुसार, हर साल SIP में 5-10% की टॉप-अप यानी बढ़ोतरी करना भी फायदेमंद रहेगा, जिससे आप महंगाई की काट निकाल सकेंगे और अपने टारगेट को जल्दी हासिल कर पाएंगे.
वो साफ कहते हैं कि सोना भले ही दिखने में सुरक्षित लगे, लेकिन लंबे समय तक यह निवेश के लिहाज से भरोसेमंद नहीं है. बेहतर है कि पोर्टफोलियो में बैलेंस बनाने के लिए हाई-क्वालिटी डेट म्यूचुअल फंड्स या बैंक एफडी को चुना जाए.