Vijay Shekhar Sharma: सेबी (Sebi) की तरफ से पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) को बड़ा झटका मिला है. सेबी की तरफ से विजय शेखर शर्मा को अगले तीन साल तक किसी भी लिस्टेड कंपनी से नए कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ईसॉप) लेने पर रोक लगा दी है. यह फैसला सेबी की तरफ से एक समझौता आदेश में दिया गया. इसके अलावा कंपनी पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की पेनाल्टी लगाई गई है. पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस, विजय शेखर शर्मा और कंपनी के सीबीओ (CBO) अजय शेखर शर्मा ने सेबी के साथ ईसॉप जारी करने में कथित गलतियों का मामला सुलझा लिया है.
क्या है पूरा मामला?
सेबी के अनुसार वन97 कम्युनिकेशन (One 97 Communications) ने अक्टूबर 2021 में विजय शेखर शर्मा को 21 मिलियन ईसॉप और मई 2022 में अजय शर्मा को 2,62,000 ईसॉप दिये थे. थे. सेबी की तरफ से पाया गया कि ये ईसॉप नियमों का उल्लंघन था, क्योंकि प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप को ईसॉप देना सेबी नियमों के खिलाफ है. सेबी ने आरोप लगाया कि वन97 कम्युनिकेशंस के फाउंडर और सीईओ विजय शेयर शर्मा ने नामांकन और पारितोषिक समिति (NRC) के फैसले को प्रभावित किया, उसने ही उन्हें और उनके भाई को ईसॉप देने की मंजूरी दी थी.
समझौते के तहत कार्रवाई
मामला सुलझाने के लिए वन97 कम्युनिकेशन ने शर्मा बंधुओं को दिए गए ईसॉप रद्द कर दिए. इसके अलावा कंपनी ने सेबी को 1.11 करोड़ रुपये का सेटलमेंट फीस अदा किया. विजय शेखर शर्मा ने 1.11 करोड़ रुपये और अजय ने 57,11,000 रुपये का भुगतान किया. इसके अलावा अजय को ईसॉप से मिले 3,720 शेयर बिक्री के लिए 35,86,000 रुपये वापस करने का भी आदेश दिया. सेबी की तरफ से यह भी कहा गया कि कंपनी ने ऑफर दस्तावेजों में गलत जानकारी दी, जिसमें विजय को नॉन-प्रमोटर पब्लिक शेयरहोल्डर के रूप में दिखाया गया.
परिवार ट्रस्ट का मामला
सेबी के आरोपों में कहा गया कि विजय शेखर शर्मा ने कंपनी में अपनी इक्विटी का एक हिस्सा अपने नियंत्रण वाले फैमिली ट्रस्ट को ट्रांसफर करने का प्लान बनाया. यह ट्रस्ट कंपनी के आईपीओ के लिए ऑफर दस्तावेज दाखिल करने से कुछ दिन पहले बनाया गया था. सेबी के अनुसार इस योजना का मकसद कंपनी में 10% से ज्यादा इक्विटी पर नियंत्रण रखना और सेबी नियमों को दरकिनार करना था. फरवरी 2024 में सेबी की तरफ से कंपनी और शर्मा ब्रदर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. अप्रैल में कंपनी ने बताया कि विजय ने स्वेच्छा से 21 मिलियन ईसॉप छोड़ दिए थे. इस समझौते के बाद मामला सुलझ गया, लेकिन विजय पर तीन साल तक नए ईसॉप लेने की पाबंदी रहेगी.