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अमेरिका ने रूस पर लगाया प्रतिबंध लेकिन भारत पर भी होगा असर, देश की तेल कंपनियां क्यों हैं परेशान?

India Buying Cheap Oil: 2022 की शुरुआत में भारत की कुल तेल खरीद में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रूस की थी. लेकिन मार्च में रूसी तेल की हिस्सेदारी घटकर 20 प्रतिशत रह जाएगी.

अमेरिका ने रूस पर लगाया प्रतिबंध लेकिन भारत पर भी होगा असर, देश की तेल कंपनियां क्यों हैं परेशान?
Sudeep Kumar|Updated: Jan 23, 2025, 05:18 PM IST
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India Russia Relation: अमेरिका द्वारा रूसी तेल पर लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों का असर भारत की तेल आपूर्ति पर पड़ता दिख रहा है. देश की सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने कहा है कि मार्च के लिए पर्याप्त तेल कार्गो उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं.

10 जनवरी को अमेरिका ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र को टारगेट करते हुए व्यापक प्रतिबंधों की घोषणा की थी. इनमें रूसी तेल उत्पादक फर्म गज़प्रोम नेफ्ट और सर्गुटनेफ्टेगाज़ पर प्रतिबंध, 183 जहाजों को ब्लैक लिस्टिंग, तेल व्यापारी, ऑयल फील्ड सर्विस प्रोवाइडर, टैंकर मालिक, बीमा कंपनियां और एनर्जी अधिकारी शामिल हैं.

अमेरिका की ओर से ये प्रतिबंध ऐसे समय में लगाए गए हैं, जब भारतीय रिफाइन कंपनियां मार्च के लिए तेल की आपूर्ति को लेकर बातचीत कर रहे थे.

नहीं मिल पा रहे पर्याप्त कार्गो?

BPCL के वित्त निदेशक वेटसा रामकृष्ण गुप्ता का कहना है कि जनवरी और फरवरी के लिए रूसी तेल की बुकिंग पहले ही की जा चुकी है. लेकिन मार्च के लिए कंपनी को पर्याप्त तेल कार्गो नहीं मिल पा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आयात किए कुल कच्चे तेल में रूसी तेल की हिस्सेदारी मार्च में घटकर 20 प्रतिशत रह जाएगी, जो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 31 प्रतिशत थी. 

हालांकि, उन्होंने कहा कि बाजार में पर्याप्त तेल उपलब्ध है और कंपनी तेल की कमी की भरपाई के लिए मिडिल ईस्ट जैसे देशों से तेल आयात करने पर विचार करेगी.

2022 की शुरुआत में भारत की कुल तेल खरीद में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रूस की थी. रूस से तेल आयात इसलिए बढ़ गया था क्योंकि यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया था. ऐसे में रूस भारत को रियायती दरों पर तेल निर्यात कर रहा था. हालांकि, इस साल यह छूट घटकर प्रति बैरल 3-3.2 डॉलर रह गई है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 8.5 डॉलर थी.

रूस के शैड फ्लीट को बनाया निशाना

अमेरिकी प्रतिबंधों ने रूस के तथाकथित "शैडो फ्लीट" को भी निशाना बनाया है. ये जहाज 60 डॉलर प्रति बैरल की कीमत सीमा (मार्केट कैप) से ऊपर तेल की ढुलाई करते थे. इन जहाजों का बीमा भी रूस द्वारा ही किया गया था. भारत ने अब इन प्रतिबंधित जहाजों से तेल आयात बंद करने का निर्णय लिया है. हालांकि, 10 जनवरी से पहले बुक किए गए तेल कार्गो, जो 12 मार्च तक अनलोड हो सकते हैं, उन्हें छूट दी गई है.

ट्रंप ने युद्ध खत्म करने की दी चेतावनी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में ‘बेतुके युद्ध’ को समाप्त करने को कहा है. ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को खत्म करे या फिर अत्यधिक शुल्क और आगामी प्रतिबंधों का सामना करने के लिए तैयार रहे. अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को शपथ लेने वाले ट्रंप ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर यह बात कही. 

ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में रूस के राष्ट्रपति पुतिन का नाम लिया और कहा कि उनके एवं पुतिन के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन अब इस ‘‘बेतुके युद्ध’’ को खत्म करने का समय आ गया है.’’ ट्रंप ने कहा कि वह रूस के खिलाफ कुछ कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं और चाहते हैं कि युद्ध में और लोगों की जान नहीं जाए. 

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