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लाखों करोड़ की चपत से बाजार में मचा हाहाकार, इन्वेस्टमेंट का क्या करें? एक्सपर्ट्स ने साफ-साफ समझाया

Stock market crash today: अमेरिका में मंदी की आशंका और मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव की वजह से सोमवार को भारतीय बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई व्यापक असर नहीं पड़ेगा.   

लाखों करोड़ की चपत से बाजार में मचा हाहाकार, इन्वेस्टमेंट का क्या करें? एक्सपर्ट्स ने साफ-साफ समझाया
Sudeep Kumar|Updated: Aug 05, 2024, 10:33 PM IST
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Stock Market Crash: अमेरिका में मंदी की आशंका और मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव की वजह से सोमवार को भारतीय बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई व्यापक असर नहीं पड़ेगा. 

  1. शेयर मार्केट में सोमवार को मचे हाहाकार ने भारतीय निवेशकों को गंभीर झटका दिया है. शेयर मार्केट में जोरदार गिरावट की वजह से निवेशकों को 15 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है. सेंसेक्स ने जहां 2200 अंक से अधिक का गोता लगाया. वहीं, निफ्टी में भी 662 अंक की बड़ी गिरावट देखी गई. बीते 15 महीने से भारतीय बाजार में जिस तरह से तेजी दर्ज की जा रही थी, इसका किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था.
  2. ऐसे में निवेशक उधेड़बुन में हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए? शेयर बाजार में लगे पैसों को निकाल लेना चाहिए या इंतजार करना चाहिए. इसके अलावा कई ऐसे भी निवेशक हैं जो शेयर मार्केट में पैसे लगाने से हिचक रहे हैं. आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट्स इस मार्केट क्रैश पर क्या कुछ कह रहे हैं.
  3. शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक चिंताओं की वजह से आए इस मार्केट क्रैश से रिटेल इन्वेस्टर्स को अपने निवेश को लेकर नहीं घबराना चाहिए. हालांकि, निवेशक इसका खास ध्यान रखें कि उन्हें कहां निवेश करना चाहिए. इसके अलावा उन्हें इक्विटी इन्वेस्टमेंट को लेकर कम उम्मीदें रखनी चाहिए.
  4. दरअसल, भारतीय शेयर मार्केट में लगभग 3 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है. जबकि कई प्रमुख वैश्विक बाजारों में तेज गिरावट देखी गई. जापान का निक्केई तो 12 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया है. वहीं, दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स भी 8.8 प्रतिशत गिरा है. वहीं, यूरोपीय बाजार शुक्रवार को ही लगभग 2.5 प्रतिशत नीचे थे और सोमवार को भी बाजार ने कमजोर शुरुआत की. फ्रांस और ब्रिटेन में शेयर मार्केट शुरुआती घंटों में क्रमशः 2.8% और 2.2% की गिरावट के साथ खुले.
  5. बाजार से जुड़े लोगों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ भी खामियां नहीं है. इस वैश्विक गिरावट का भारत के आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं है. एक बड़े म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर का कहना है कि जहां तक ​​भारतीय बाजार की बात है तो निवेशकों को इसे एक हेल्दी करेक्शन के रूप में देखना चाहिए. क्योंकि पिछले 12-15 महीनों में भारतीय बाजार में काफी तेजी आई है. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को चिंता नहीं करनी चाहिए और बाजार में बने रहना चाहिए.
  6. Edelweiss MF के अध्यक्ष और सीआईओ-इक्विटीज त्रिदीप भट्टाचार्य का कहना है कि इक्विटी मार्केट पर इकोनॉमिक वीकनेस का असर दिख रहा है. इसकी वजह कुछ अमेरिकी कंपनियों की निराशाजनक कमाई है. आने वाले महीनों में इन पर बारीकी से नजर रखना जरूरी है.
  7. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए निवेशकों को घबराकर बेचने से बचना चाहिए. वैश्विक बाजार में अनिश्चितता के मद्देनजर रिटेल इन्वेस्टर्स को डे-ट्रेडिंग और सट्टा मार्केट से दूर रहना चाहिए. इस तरह की स्थितियों में लार्ज कैप कंपनियां चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में होती है. इसलिए निवेशकों को स्मॉल और मिडकैप कंपनियों पर दांव लगाने से बचना चाहिए. 
  8. एक्सपर्ट का कहना है कि लार्ज कैप कंपनियों में सावधानी से इन्वेस्ट करने का यह अच्छा समय है. म्यूचुअल फंड के एक अन्य सीआईओ का कहना है कि चूंकि दुनिया भर में थोड़ी अनिश्चितता है, इसलिए निवेशकों को केवल लार्ज कैप फंड या कंपनियों में ही पैसा लगाना चाहिए और मिड कैप और स्मॉल कैप फंड और इक्विटी से बचना चाहिए.
  9. इसके अलावा आगे कहा कि अतीत में इक्विटी से बेहतरीन रिटर्न मिला है और निवेशक इस पर निर्भर भी रहे हैं. लेकिन वर्तमान स्थिति में उन्हें इक्विटी इन्वेस्टमेंट को लेकर कम उम्मीदें रखनी चाहिए.

 

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