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शेयर मार्केट में ब्लडबाथ से इन्वेस्टर हलकान! 8 दिन में साफ हो गए 25 लाख करोड़, इन कंपनियों के शेयर हुए धाराशायी

Share Market News: सेंसेक्स के शेयरों में अदाणी पोर्ट्स में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी और टाटा स्टील भी नुकसान में रहे. 

शेयर मार्केट में ब्लडबाथ से इन्वेस्टर हलकान! 8 दिन में साफ हो गए 25 लाख करोड़, इन कंपनियों के शेयर हुए धाराशायी
Sudeep Kumar|Updated: Feb 14, 2025, 09:17 PM IST
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Share Market Crash: विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को लगातार 8वें दिन गिरावट जारी रही. सेंसेक्स कारोबार के अंत में 199.76 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,939.21 पर बंद हुआ और निफ्टी 102.15 अंक या 0.44 प्रतिशत फिसलने के बाद 22,929.25 पर बंद हुआ.

बाजार में लगातार आठ कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट के कारण निवेशकों को 25.31 लाख करोड़ रुपये कर नुकसान हुआ है. इस दौरान विदेशी पूंजी निकासी, उम्मीद से कम तिमाही आय और वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितता की चिंताओं के बीच बीएसई सेंसेक्स में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. 

शेयर बाजार में कमजोर रुख के चलते बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण आठ दिन में 25,31,579.11 करोड़ रुपये घटकर 4,00,19,247 करोड़ रुपये (4,610 अरब डॉलर) रह गया. 

इन कंपनियों के शेयर हुए धाराशायी 

आठ कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स 2,644.6 अंक यानी 3.36 प्रतिशत और निफ्टी 810 अंक यानी 3.41 प्रतिशत टूट चुका है. सेंसेक्स के शेयरों में अदाणी पोर्ट्स में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी और टाटा स्टील भी नुकसान में रहे. 

दूसरी ओर नेस्ले, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचसीएल टेक लाभ में रहे. कंपनियों की कमजोर आय के कारण निवेशकों के बीच जोखिम से बचने की भावना हावी होती जा रही है. 

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''कमजोर तिमाही नतीजों, रुपये में गिरावट और शुल्क जैसे बाहरी कारकों से निकट भविष्य में बाजार धारणा कमजोर रहने का अनुमान है. एफआईआई की निकासी जारी रहने से गिरावट बढ़ सकती है.'' उन्होंने कहा कि जब तक शुल्क पर स्पष्टता नहीं आ जाती है, और कंपनियों की आय में सुधार नहीं होता है, तब तक अस्थिरता बनी रहने का अनुमान है. 

एंजल वन के तकनीकी एवं वायदा-विकल्प के वरिष्ठ विश्लेषक ओशो कृष्णन ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में आई जोरदार गिरावट ने पिछले दो हफ्तों की तेजी को पूरी तरह से फीका कर दिया है. उन्होंने कहा, ''इस सप्ताह लगातार आठ सत्रों में बिकवाली हुई, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल बन गया.'' 

(इनपुट- भाषा)

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