Stock Market Update: भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ 25111 अंक पर बंद हुआ. बाजार में चल रही उठा-पटक का यह दौर जल्द ही थम सकता है और बाजार में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल सकती है. जी हां, एक रिपोर्ट से यह साफ हो हुआ है कि ज्यादा लंबे समय तक बाजार की यह स्थिति नहीं रहेगी. बीएसई और एनएसई में भी तेजी आएगी. यह सब होगा, देश की इकोनॉमी के मजबूत प्रदर्शन के कारण. इसके आधार पर उम्मीद की जा रही है कि शेयर बाजार में आने वाले समय में तेजी आ सकती है.
चढ़कर कहां तक जाएगा बाजार?
बाजार में तेजी का असर यह होगा कि निफ्टी साल के आखिर यानी नवंबर-दिसंबर तक 26,300 से 27,500 की रेंज में पहुंच सकता है. अभी यह 25000 के लेवल पर कारोबार कर रहा है. अगर यह 27,500 तक जाता है तो यानी निफ्टी में 10 प्रतिशत तेजी की उम्मीद की जा रही है. यह सब जानकारी एक रिपोर्ट के जरिये सामने आई है. रिपोर्ट में बताया गया कि मार्च के मिनिमम लेवल से निफ्टी में तेजी देखने को मिल रही है और इसमें रुकावट का स्तर 26,300 है. अगर एनएसई (NSE) इंडेक्स में ब्रेकआउट आता है तो यह 27,500 पर पहुंच सकता है.
अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी पर क्या रहेगा रुख?
रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2025 की दूसरी छमाही में जिन प्रमुख कारणों पर फोकस करना होगा. उनमें अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी पर साफ स्थिति और ग्लोबल ट्रेड प्रवाह पर उनका असर, हिंद-प्रशांत और मिडिल ईस्ट में जियो-पॉलिटिकल टेंशन का सॉल्यूशन और यूके-भारत एफटीए जैसी प्रमुख द्विपक्षीय डील पर प्रगति शामिल हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि निवेशक अमेरिका में महंगाई के आंकड़े को भी काफी ध्यान से देख रहे हैं. गोलफाई के फाउंडर रॉबिन आर्य ने कहा, 'आने वाले साल में हमें कुछ घटनाक्रमों पर नजर रखनी होगी, जो बाजारों पर असर दिखा सकते हैं.'
यूएस टैरिफ का चीजों की सप्लाई और महंगाई पर असर होगा
हालांकि, अमेरिकी महंगाई अभी कंट्रोल में है. लेकिन टैरिफ पॉलिसी से अमेरिका में चीजों की सप्लाई और महंगाई पर इसके असर को आउटलुक अस्थिर बना हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी फेड ब्याज दरों में कमी शुरू कर सकता है, जिससे मार्केट को फायदा होगा और एफआईआई प्रवाह मजबूत होगा, बशर्ते व्यापार समझौते जल्दी हो जाएं और अमेरिका को वस्तुओं की आपूर्ति अंतिम उपभोक्ता के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बनी रहे.
एमपीसी ब्याज दर में कर सकती है कटौती
रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई एमपीसी की तरफ से आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी एक घरेलू घटनाक्रम है जिससे आर्थिक विकास और घरेलू खपत में वृद्धि होगी, जिससे बाजारों को लाभ होगा. ब्याज में कटौती का दौर शुरू हो गया है, यदि मानसून सही रहा और महंगाई नियंत्रण में रही तो आरबीआई (RBI) की तरफ से ब्याज दरों में और कटौती हो सकती है, जिससे इकोनॉमी को ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा.' गुप्ता ने कहा कि अगर आय वृद्धि अनुकूल रही, तो 2025 के अंत तक बाजार काफी तेजी से बढ़ सकते हैं. (IANS)
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