Share Market Closing Bell: 1 अप्रैल यानी वित्त वर्ष 2026 का पहला दिन, लेकिन नए वित्तीय वर्ष का पहला ही दिन शेयर बाजार के लिए खतरनाक साबित हुआ. वित्त वर्ष के पहले कारोबारी दिन ही शेयर बाजार के निवेशकों के 3.50 लाख रुपये का झटका लगा. शेयर बाजार में 1390 अंक तक लुढ़क गया. 1 अप्रैल को शेयर बाजार भारी नुकसान के साथ बंद हुआ,
ट्रंप के डर के साये में भारत का शेयर बाजार
डोनाल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ धमकियों के डर से मंगलवार को सेंसेक्स भारी दवाब के साथ 76 हजार से नीचे लुढ़क गया. बीएसई के मार्केट कैप में 3.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा गिर गया. बाजार में चौतरफा बिकवाली के चलते सेंसेक्स 1,390.40 अंक या 1.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,024.51 और निफ्टी 353.65 अंक या 1.50 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 23,165.70 पर बंद हुआ. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत उन सभी देशों पर रिसिप्रोकल टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जो अमेरिका के सामानों पर टैरिफ लगाते हैं. 2 अप्रैल से ट्रंप का टैरिफ वार का खतरा मंडरा रहा है. जिसकी वजह से बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ा है.
बाजार में गिरावट की वजह
2 अप्रैल से अमेरिका द्वारा अपने ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर लगाए जाने वाले रिसिप्रोकल टैरिफ को बाजार का सबसे बड़ा डर माना जा रहा है. सेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, पीएसयू बैंक, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. केवल मीडिया इंडेक्स ही हरे निशान में बंद हुआ.
गिरते बाजार में भी चमके ये शेयर
सेंसेक्स पैक में एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, टाइटन, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा, एलएंडटी, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, टीसीएस और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे. केवल इंडसइंड बैंक और जोमैटो टॉप लूजर्स थे. मार्केट एक्सपर्ट की माने तो अमेरिका की ओर से पारस्परिक टैरिफ की घोषणा से पहले वैश्विक अस्थिरता के बीच, घरेलू बाजार में आज भारी बिकवाली हावी रही.