Tariff Effect on Share Market: अमेरिका की ओर से भारत पर टैरिफ की मार बढ़ती जा रही है. पहले 25 फीसदी अब 50 फीसदी तक पहुं चुके टैरिफ का असर शेयर बाजार पर आज दिख रहा है. भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ खुला. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 200 अंकों की गिरावट देखने को मिली. चढ़ने दिन के साथ गिरावट का ग्राफ और गिरने लगा. इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना अमेरिका का नाम लिए टैरिफ पर साफ कर दिया कि किसानों के हितों के कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. इसके बाद सेंसेक्स में थोड़ी और गिरावट आई और 10.30 बजे तक सेंसेक्स 480 अंक तक लुढ़क गया.
टैरिफ ऐलान के बाद लुढ़का सेंसेक्स
साढ़े 10 बजे के करीब सेंसेक्स 498.92 अंक गिरकर 80,045.72 अंक पर पहुंच गया. टैरिफ पर भारत से साफ कर दिया है कि वो देश हित को ताख पर रखकर अमेरिका से कोई समझौता नहीं करेगा. इस खबर के बाद बैंक निफ्टी में 300 अंकों की गिरावट आ गई. वहीं मार्केट खुलने के साथ ही सेंसेक्स में गिरावट के कारण बीएसई में लिस्ट कंपनियों का मार्केट कैप 1.61 लाख करोड़ रुपये गिर गया पढ़ें-आनंद महिंद्रा बोले- टैरिफ के मंथन से भारत के लिए निकलेगा अमृत, ट्रंप की मनमानी पर हर्ष गोयनका का दो टूक जवाब,कहा- 'झुकेगा नहीं भारत'
अमेरिकी टैरिफ से लाल निशान में खुला बाजार
भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में खुला. सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 230 अंक या 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,313 और निफ्टी 73 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,501 पर था. शेयर बाजार में व्यापक स्तर पर बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है. गिरावट का अधिक दबाव ऑटो और एनर्जी शेयरों में देखा जा रहा है. दोनों ही इंडेक्स 0.50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा, कमोडिटी और पीएसई इंडेक्स लाल निशान में थे, जबकि आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, मीडिया और हेल्थकेयर हरे निशान में थे.
बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच क्या करें निवेशक
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वीके विजयकुमार ने कहा बाजार में भारी उतार-चढ़ाव की संभावना कम है, लेकिन निकट भविष्य में कमजोरी बनी रहेगी. फिलहाल अनिश्चितता ज्यादा है, इसलिए निवेशकों को अपने रुख में सावधानी बरतनी चाहिए. कम से कम निकट भविष्य में, निर्यात से जुड़े क्षेत्र कमजोर ही रहेंगे. बैंकिंग और वित्तीय, दूरसंचार, होटल, सीमेंट, पूंजीगत वस्तुएं और ऑटोमोबाइल जैसे घरेलू उपभोग क्षेत्र मजबूत बने रहेंगे. आईएएनएस