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अगले हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल? तिमाही नतीजों, FII मूवमेंट और भारत-अमेरिका डील पर टिकी नजरें!

अगले हफ्ते से अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों की शुरुआत हो रही है, जिससे बाजार में हलचल तेज हो सकती है. इस हफ्ते 5पैसा, आनंदराठी, टाटा एलेक्सी, टीसीएस और डीमार्ट जैसी प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने हैं. 

अगले हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल? तिमाही नतीजों, FII मूवमेंट और भारत-अमेरिका डील पर टिकी नजरें!
Shivendra Singh|Updated: Jul 06, 2025, 08:40 PM IST
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भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता कई अहम घटनाक्रमों से भरपूर रहेगा, जिनका सीधा असर बाजार की दिशा पर पड़ सकता है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजों की शुरुआत, भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर संभावित अपडेट्स, विदेशी निवेशकों की चाल और मानसून की स्थिति जैसे फैक्टर्स इन्वेस्टर्स की स्ट्रेटेजी को प्रभावित करेंगे.

अगले हफ्ते से अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों की शुरुआत हो रही है, जिससे बाजार में हलचल तेज हो सकती है. इस हफ्ते 5पैसा, आनंदराठी, टाटा एलेक्सी, टीसीएस और डीमार्ट जैसी प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने हैं. आईटी, एफएमसीजी और रिटेल सेक्टर पर इन्वेस्टर्स की नजरें रहेंगी, क्योंकि यही सेक्टर आर्थिक सुधार की स्थिति को बयां करेंगे.

भारत-अमेरिका ट्रेड डील और ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी
भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड डील बातचीत अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. अगर आने वाले सप्ताह में इस डील को लेकर कोई पॉजिटिव घोषणा होती है, तो यह बाजार के लिए रिवर्सल ट्रिगर साबित हो सकती है. खासकर तब, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ की डेडलाइन 9 जुलाई को खत्म हो रही है. इस फैसले का असर ग्लोबल मार्केट सेंटीमेंट और डॉलर के मूवमेंट पर भी पड़ सकता है.

मानसून की चाल भी होगी निर्णायक
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले एक हफ्ते तक देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी हिस्सों में मानसून एक्टिव रहने की संभावना है. इससे एग्री-कॉमोडिटी शेयरों और रूरल इकोनॉमी से जुड़े सेक्टर्स (जैसे ट्रैक्टर, फर्टिलाइज़र, एफएमसीजी) में निवेशक रुचि दिखा सकते हैं.

एफआईआई और डीआईआई की एक्टिविटी
पिछले हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बाजार में शुद्ध सेलर रहे और उन्होंने करीब ₹6,604 करोड़ की बिकवाली की. इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹7,609 करोड़ की खरीदारी कर बाजार को सहारा दिया. अगले हफ्ते भी यह ट्रेंड जारी रहता है या बदलता है, इस पर बाजार की दिशा काफी हद तक निर्भर करेगी.

ग्लोबल फैक्टर्स भी रहेंगे अहम
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर अमेरिका में जॉबलेस क्लेम डेटा और चीन की महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे. इन आंकड़ों से वैश्विक आर्थिक संकेत मिलेंगे, जिनका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलेगा.

पिछले हफ्ते का हाल
30 जून से 4 जुलाई के कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स 626 अंक गिरकर 83,432 और निफ्टी 176 अंक गिरकर 25,461 पर बंद हुआ. हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी बनी रही. पीएसयू बैंक, फार्मा, ऑयल एंड गैस सेक्टर ने बाजार को सपोर्ट किया, वहीं रियल्टी, फाइनेंशियल सर्विसेज और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली.

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