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कभी Ratan Tata बेच रहे थे ये कंपनी, आज Maruti को भी पछाड़ा, मार्केट में लहराया परचम

Tata Motors Market Cap: मार्केट में टाटा मोटर्स के शेयरों नें 52 हफ्ते का नया रिकॉर्ड बनाया है. इस तेजी के बीच में टाटा का मार्केट कैप भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के भी आगे निकल गया है. 

कभी Ratan Tata बेच रहे थे ये कंपनी, आज Maruti को भी पछाड़ा, मार्केट में लहराया परचम
Shivani Sharma|Updated: Jan 30, 2024, 08:28 PM IST
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Tata Motors Market Cap: रतन टाटा की कंपनी ने आज मारुति को पीछे छोड़ एक नया इतिहास रच दिया है. टाटा मोटर्स के शेयर्स 5 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ 52 हफ्ते के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए हैं. मार्केट में टाटा मोटर्स के शेयरों नें 52 हफ्ते का नया रिकॉर्ड बनाया है. इस तेजी के बीच में टाटा का मार्केट कैप भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के भी आगे निकल गया है. 

टाटा मोटर का शेयर आज मार्केट में 5 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी के साथ 886.30 के लेवल तक पहुंच गया था. वहीं, दिन के कारोबार के बाद में स्टॉक 864.90 के लेवल पर बंद हुआ है. आज की बढ़त के बाद में टाटा मोटर्स का मार्केट कैप 3.15 लाख करोड़ पर पहुंच गया है. वहीं, मारुति का 3.13 लाख करोड़ पर पहुंच गया है. 

कितना था मार्केट कैप?

आज 52-हफ्ते के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद टाटा मोटर्स और टाटा मोटर्स डीवीआर शेयरों का मार्केट कैप संयुक्त रूप से 3.24 लाख करोड़ रुपये था, जो मारुति सुजुकी के 3.15 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप से ज्यादा था. इस बीच, टाटा मोटर्स का मार्केट कैप आज 2.94 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू गया.

1 साल में 91 फीसदी बढ़ा टाटा का शेयर 

टाटा मोटर्स के शेयरों ने निवेशकों को पिछले 1 साल में 91 फीसदी का रिटर्न दिया है. एक साल की अवधि में इस कंपनी का स्टॉक 412.80 रुपये बढ़ा है. 31 जनवरी 2023 को इस शेयर की कीमत 450 रुपये के करीब थी. वहीं, आज ये शेयर 885.95 के लेवल को पार कर गया है. 

1 साल में 12 फीसदी बढ़ा मारुति का शेयर

इसके अलावा अगर मारुति के शेयरों की बात की जाए तो वह आज गिरावट के साथ क्लोज हुए हैं. मारुति के शेयर ने निवेशकों को पिछले एक साल में 11.86 फीसदी का रिटर्न दिया है. इस अवधि में कंपनी का स्टॉक 1,054.70 रुपये बढ़ा है. 

कभी कंपनी बेचने का बनाया था प्लान

90 के दशक में रतन टाटा अपनी इस ऑटो कंपनी को बेचने का प्लान बना रहे थे. इसको बेचने के लिए अमेरिका की फोर्ड कंपनी से बातचीत चल रही थी, लेकिन कई कारणों की वजह से इसको बाद में बेचना पड़ा था. 

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