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ट्रंप के टैर‍िफ वॉर से बढ़ेंगी भारत-चीन की नजदीक‍ियां? चीन के राजदूत ने साफ-साफ क‍िया इशारा

America Tariff War: डोनाल्‍ड ट्रंप की तरफ से क‍िये गए ऐलान के आधार पर रेसिप्रोकल टैरिफ को लागू क‍िये जाने का ऐलान क‍िया जा सकता है. लेक‍िन इस बीच चीन के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं. चीन के राजदूत ने दोनों देशों के बीच व्‍यापार‍िक संबंध‍ बढ़ाने की बात कही है. 

ट्रंप के टैर‍िफ वॉर से बढ़ेंगी भारत-चीन की नजदीक‍ियां? चीन के राजदूत ने साफ-साफ क‍िया इशारा
Kriyanshu Saraswat|Updated: Apr 02, 2025, 01:43 PM IST
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Indo-China Relation: अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ (जैसे को तैसा टैक्‍स) लागू करने की डेडलाइन 2 अप्रैल रखी हुई थी. उम्‍मीद की जा रही है क‍ि ट्रंप आज व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में 'लिबरेशन डे' (Liberation Day) पर टैरिफ पर ऐलान कर सकते हैं. इससे एक द‍िन पहले ट्रंप ने यह भी दावा क‍िया क‍ि भारत जल्‍द ‘अपनी शुल्क दरों में बड़ी कटौती करेगा.’ ट्रंप कई बार भारत को ज्‍यादा टैक्‍स लगाने वाला देश बता चुके हैं. यद‍ि अमेर‍िका की तरफ से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू क‍िया जाता है तो इसका असर भारत के अलावा चीन, यूरोपीय संघ, कनाडा और मेक्सिको पर पड़ने की आशंका है.

भारत और चीन की बढ़ सकती हैं  नजदीक‍ियां

इस बीच चीन के राजदूत जू फेइहोंग का बयान आया है. उनकी तरफ से भारत को लेकर द‍िये गए बयान से यह उम्‍मीद की जा रही है क‍ि ट्रेड वॉर के बीच भारत और चीन की नजदीक‍ियां बढ़ सकती हैं. इतना ही नहीं दोनों देशों के र‍िश्‍ते फ‍िर से पटरी पर लौट सकते हैं. अमेरिका की तरफ से साउथ एशियाई देशों पर टैरिफ लगाने की संभावित घोषणा से पहले चीन के राजदूत जू फेइहोंग (Xu Feihong) ने कहा कि चीन ट्रेड को बराबर करने के लिए भारत से और सामान खरीदने के ल‍िए तैयार है.

चीन, भारत के साथ व्यापार करने का इच्‍छुक
उन्होंने यह भी कहा चीन, भारत के साथ व्यापार और दूसरे क्षेत्रों में मिलकर करने का इच्‍छुक है और भारत में ब‍िकने वाले भारतीय सामान को चीन में मंगाना चाहता है. यह दावा चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की र‍िपोर्ट में क‍िया गया है. भारत की ट्रेड म‍िन‍िस्‍ट्री के अनुसार साल 2023-24 में दोनों पड़ोसी देश (भारत और चीन) के बीच द्विपक्षीय व्यापार 101.7 अरब डॉलर था, इसमें भारत को काफी नुकसान हुआ. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 101.7 अरब डॉलर में से भारत ने महज 16.6 अरब डॉलर के पेट्रोलियम ऑयल, लौह अयस्क, मरीन प्रोडक्‍ट और वेज‍िटेबल ऑयल का न‍िर्यात क‍िया.

राजनयिक संबंधों के 75 साल हुए पूरे
चीन के राजदूत ने ये बातें दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध के 75 साल पूरे होने पर आयोज‍ित एक कार्यक्रम में कहीं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार (2 अप्रैल) से दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने वाले हैं. उन्होंने चीन और भारत के व्‍यापार करने के तरीकों को गलत बताया है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में एक पॉडकास्ट में ट्रंप की काफी तारीफ की थी. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने ट्रंप को खुश करने के ल‍िए टैर‍िफ से जुड़ी कई रियायतें भी दी हैं. मोदी ने यह भी कहा कि वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा पर सामान्य स्थिति को बहाल करने के लि‍ए काम कर रहे हैं.

2019 के बाद कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं
साल 2020 में हिमालय के एक विवादित इलाके में झड़प के बाद परमाणु हथियारों से लैस दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते खराब हो गए. उस समय सैनिकों के बीच हुई झड़प में चार दशक में पहली बार जानलेवा संघर्ष हुआ था. जवाब में नई दिल्ली ने चीन पर आर्थिक रूप से पलटवार किया और निवेश को रोक दिया. साथ ही चीन की टेक्‍नोलॉजी कंपनियों की भारतीय बाजार में एंट्री को रोक द‍िया था. पिछले साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग और मोदी मिले थे. दोनों नेताओं ने संबंधों में सुधार के संकेत के रूप में फ‍िर से काम करने पर सहमति जताई थी. 2019 के बाद से दोनों देशों के बीच क‍िसी तरह की द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई है.

क्‍या होगा असर?
चीन की तरफ से यद‍ि भारतीय सामान का आयात पहले के मुकाबले ज्‍यादा क‍िया जाता है तो भारत को इसका सीधा फायदा म‍िलेगा. साल 2023-24 में भारत और चीन के बीच 101.7 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था. लेक‍िन इसमें से चीन ने केवल 16.6 अरब डॉलर का सामान मंगाया था. बाकी का करीब 85 अरब डॉलर का सामान भारत ने आयात क‍िया था. अब यद‍ि चीन की तरफ से ज्‍यादा आयात क‍िया जाता है तो दोनों देशों के व्‍यापर‍िक संबंध‍ बढ़कर 150 अरब डॉलर तक पहुंच सकते हैं. इसका  सीधा फायदा भारत को म‍िलेगा.

 

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