अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान से भारत की अर्थव्यवस्था को जहां एक ओर झटका लग सकता है, वहीं दूसरी ओर आम भारतीयों के लिए यह एक 'गुड न्यूज' लेकर आ सकता है. ट्रंप प्रशासन ने भारत समेत कई देशों पर 25% तक का नया आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है. इससे भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, ज्वेलरी, फार्मा और ऑटो कंपोनेंट्स पर सीधा असर पड़ेगा. लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यही झटका भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को ब्याज दरों में कटौती के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे आम जनता को होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते मिल सकते हैं.
नोमुरा की नई रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ झटका भारत की GDP में 20 से 30 बेसिस प्वाइंट की गिरावट ला सकता है. ऐसे में आर्थिक विकास को गति देने के लिए आरबीआई को अक्टूबर और दिसंबर में दो बार 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करनी पड़ सकती है, जिससे रेपो रेट घटकर 5.00% तक आ सकता है. अगर ऐसा होता है तो ईएमआई में सीधी राहत देखने को मिलेगी. पहले जहां अगस्त में रेट कट की संभावना 10% थी, अब यह बढ़कर 35% हो गई है.
ट्रंप का फैसला, लेकिन राहत भारत को
भारत का अमेरिका के साथ 2024 में व्यापार अधिशेष 38 अरब डॉलर का रहा था. अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा एक्सपोर्ट बाजार है. भारत के लगभग 18% निर्यात वहीं जाते हैं. ऐसे में टैरिफ से झटका लगना स्वाभाविक है. लेकिन जब बाजार दबाव में आता है और विकास दर सुस्त पड़ती है, तो केंद्रीय बैंक अक्सर पॉलिसी रेट्स में कटौती करता है. यही उम्मीद फिलहाल बन रही है और यही भारत के आम आदमी के लिए ‘गोल्डन चांस’ बन सकती है.
रूसी तेल पर भी अमेरिका की नाराजगी
अमेरिका सिर्फ टैरिफ ही नहीं, बल्कि रूस से सस्ते तेल खरीदने पर भी भारत पर दवाब बना रहा है. भारत ने पिछले कुछ वर्षों में रूस से तेल खरीद बढ़ाकर अपने एनर्जी बिल को काफी कम किया था. जुलाई में यह खरीद घटती दिखी है, जिससे माना जा रहा है कि भारत अब फिर से मिडिल ईस्ट या अमेरिका की ओर रुख कर सकता है. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भरोसा दिलाया है कि भारत के पास तेल आपूर्ति के 40 सोर्स हैं और हम किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार हैं.
बड़े सेक्टर्स पर प्रभाव
टैरिफ से टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, मोबाइल और इंडस्ट्रियल मशीनरी जैसे सेक्टर प्रभावित होंगे. ये वही सेक्टर हैं जहां बड़ी संख्या में लोग रोजगार में लगे हैं. लेकिन भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं अभी भी बाकी हैं. 25 अगस्त को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत आने वाला है और बातचीत की अगली राउंड में कई मुद्दों पर रियायत की उम्मीद है. हो सकता है कि टैरिफ 25% से घटकर 15-20% पर आ जाए.