अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त व्यापारिक फैसलों का उल्टा असर अब अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखने लगा है. ट्रंप के नए टैरिफ आदेश के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. शुक्रवार, 1 अगस्त को अमेरिका के तीनों प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए और इन्वेस्टर्स को एक ही दिन में करीब 1.1 ट्रिलियन डॉलर यानी 92 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा.
पहला झटका: नौकरियों के आंकड़े रहे बेहद कमजोर
अमेरिका में जुलाई 2025 के रोजगार आंकड़े उम्मीद से काफी कमजोर रहे. अमेरिकी श्रम विभाग (BLS) की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में सिर्फ 73,000 नई नौकरियां जुड़ीं, जबकि बाजार का अनुमान था कि ये आंकड़ा 1 लाख से अधिक होगा. इससे यह संकेत मिला कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो रही है और मंदी का खतरा गहराने लगा है.
दूसरा झटका: ट्रंप की टैरिफ बमबारी
राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत सहित 68 देशों और यूरोपीय यूनियन पर 10% से 41% तक के नए आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया है, जो अब 7 अगस्त से लागू होंगे. पहले ये टैरिफ अप्रैल में लागू होने थे, लेकिन अब उन्हें अचानक प्रभावी कर देने की घोषणा से कंपनियों और इन्वेस्टर्स में घबराहट फैल गई है. लागत बढ़ने और उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ने की आशंका से बाजार में बेचैनी बढ़ गई.
तीसरा झटका: बाजार में भारी गिरावट
इन दो बड़े झटकों के असर से अमेरिकी बाजार धराशायी हो गए. डाउ जोंस 1.23% गिरा, S&P 500 में 1.6% की गिरावट आई और NASDAQ 2.24% टूट गया. टेक कंपनियां भी इस गिरावट की चपेट में आ गईं. यह S&P 500 और Nasdaq के लिए अप्रैल और मई के बाद की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट रही.
भारतीय इन्वेस्टर्स के लिए भी खतरे की घंटी
इस गिरावट का असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा. भारतीय बाजार भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. जो निवेशक अमेरिकी शेयरों या वहां के म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाते हैं, उनके लिए ये समय सतर्कता से कदम उठाने का है.