सिर्फ 20,000 रुपये की छोटी-सी पूंजी, दो जिगरी दोस्तों का बड़ा सपना और मेहनत की वो मिसाल जिसने भारत के ब्यूटी और आयुर्वेद मार्केट का नक्शा ही बदल डाला. साल था 1974, जब दो बचपन के दोस्त राधे श्याम अग्रवाल और राधे श्याम गोयनका ने कॉरपोरेट की आरामदायक नौकरी छोड़कर कुछ अलग करने की ठानी. न उनके पास कोई बड़ा इन्वेस्टर था, न ही ग्लैमर से भरी मार्केटिंग टीम, लेकिन था तो सिर्फ एक भरोसा- खुद पर, अपने आइडिया पर और एक-दूसरे पर.
आज वो ब्रांड जिसका इस्तेमाल शायद आप भी करते हैं (जैसे कि बोरोप्लस, फेयर एंड हैंडसम, नवरत्न तेल) उसी इमामी (Emami) की नींव इन दो दोस्तों ने रखी थी. कभी छोटे दुकानदारों को सैंपल देकर प्रोडक्ट बेचना शुरू किया था और आज वही कंपनी अरबों की वैल्यू पर खड़ी है, जिसकी पहुंच देश के हर कोने में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों तक है. आज उनकी कंपनी एमामी ग्रुप भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में से एक बन चुकी है, जिसका मार्केट कैप 26,930 करोड़ रुपये है.
छोटी शुरुआत, बड़ा सपना
बचपन के दोस्त राधे श्याम अग्रवाल और राधे श्याम गोयनका ने कॉस्मेटिक और आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण का फैसला किया. शुरू में उनके पास सीमित संसाधन थे, लेकिन उनके पास जुनून और आपसी भरोसा था. 20,000 रुपये की छोटी पूंजी से उन्होंने कोलकाता में एमामी की नींव रखी. शुरुआती दिनों में उन्होंने हर्बल प्रोडक्ट्स और स्किन केयर प्रोडक्ट्स पर ध्यान केंद्रित किया, जो धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हुए गए.
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आज की शानदार उपलब्धि
आज एमामी ग्रुप एक विशाल मल्टीनेशनल कॉन्ग्लोमरेट बन चुका है, जिसका हेडक्वाटर कोलकाता में है. कंपनी पर्सनल केयर और हेल्थकेयर सेगमेंट में कई विशेष कैटेगरी में काम करती है. इसके प्रोडक्ट्स भारत के 45 लाख से ज्यादा रिटेल आउटलेट्स में उपलब्ध हैं और 60 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. कंपनी का मार्केट कैप26,930 करोड़ रुपये है, जो इसकी आर्थिक शक्ति को दर्शाती है.
मेहनत और इनोवेशन का फल
एमामी की सफलता का राज इसके आयुर्वेदिक फॉर्मूलों और कस्टमर सेंट्रिक अप्रोच में है. राधे श्याम अग्रवाल और राधे श्याम गोयनका ने पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोड़कर ब्रांड को ग्लोबल पहचान दिलाई. कंपनी ने समय के साथ अपने पोर्टफोलियो का विस्तार किया, जिसमें हेल्थकेयर, स्किनकेयर और हेयरकेयर प्रोडक्ट्स शामिल हैं. इसके अलावा, वे सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति भी प्रतिबद्ध हैं, जो उनके ब्रांड वैल्यू को बढ़ाता है.
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भविष्य की राह
एमामी ग्रुप अब नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गया है. अग्रवाल और गोयनका के वंशजों ने भी इस विरासत को आगे बढ़ाया है. कंपनी की दुनियाभर में पहुंच और स्थानीय बाजार में मजबूत पकड़ इसे भारत के टॉप कॉर्पोरेट्स में शामिल करती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह इनोवेशन और क्वालिटी पर ध्यान देती रही, तो आने वाले दशकों में यह और ऊंचाइयों को छू सकती है.