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'कम्‍फर्ट जोन से बाहर न‍िकलें भारतीय...' उदय कोटक बोले-कठ‍िन दौर के ल‍िए आज ही रहे तैयार

उदय कोटक ने 1990 के दशक की आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि भारतीय उद्योग कैसे बदला. आप याद करें कि 1992 में जब भारत की इकोनॉमी को पहली बार ओपन क‍िया गया. साल 2000 तक भारतीय निर्माता दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से मुकाबला करने लगे.

'कम्‍फर्ट जोन से बाहर न‍िकलें भारतीय...' उदय कोटक बोले-कठ‍िन दौर के ल‍िए आज ही रहे तैयार
Kriyanshu Saraswat|Updated: Aug 02, 2025, 09:58 PM IST
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Uday Kotak Urges: कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर और डायरेक्‍टर उदय कोटक (Uday Kotak) ने चेतावनी दी है कि भारत को अगले दो से तीन साल में ग्‍लोबल टेंशन के बीच कठिन आर्थिक स्‍थ‍ित‍ि के ल‍िए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने भारतीयों से डोमेस्‍ट‍िक इकोनॉम‍िक ग्रोथ पर फोकस करने, अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों के बीच स्‍ट्रैटज‍िक स‍िचुएशन बनाने की सलाह दी. यह बात उन्होंने एक टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान कही. इस दैरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के खिलाफ टैरिफ वाले फैसले पर चर्चा हो रही थी.

1990 के दशक की आर्थिक सुधारों का जिक्र क‍िया

कोटक मह‍िंद्रा ने भारतीयों से कठिन समय के लिए तैयार रहने की अपील की. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं हर भारतीय यह मान ले कि हमें मुश्‍क‍िल व‍ित्‍तीय स्‍थ‍ित‍ि का सामना करना पड़ेगा और हम उसमें भी अच्छा प्रदर्शन करें. कोई भी मह‍िला या पुरुष अच्‍छे द‍िनों में नहीं बल्‍कि मुश्‍क‍िल समय में मजबूत बनते हैं. उन्होंने 1990 के दशक की आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि भारतीय उद्योग कैसे बदला. आप याद करें कि 1992 में जब भारत की इकोनॉमी को पहली बार ओपन क‍िया गया. साल 2000 तक भारतीय निर्माता दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से मुकाबला करने लगे.

भारतीयों को अपनी सोच बदलने की सलाह
उन्होंने भारतीयों को अपनी सोच बदलने की सलाह दी. उन्‍होंने कहा, मुझे लगता है कि भारतीयों को अपने कम्‍फर्ट जोन से बाहर निकलना चाहिए. अब समय है क‍ि भारतीय जागें और खुद से कहें क‍ि अगले दो-तीन साल हमारे लिए कठिन होंगे. कोटक ने कहा भारत को फिर से तत्परता और राष्ट्रीय मकसद की सोच अपनानी चाहिए. भारत को ग्‍लोबल लेवल पर हमले का सामना करना पड़ेगा. हम क्या कर रहे हैं? उन्होंने अतीत की अन‍िश्‍च‍ितता के दौरान इंड‍ियन इंडस्‍ट्री के जवाब को याद किया. उसी बॉम्बे क्लब ने जागरूकता दिखाई... और 2000 तक भारतीय निर्माता दुनिया के टॉप से मुकाबला करने लगे.

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी शक्ति को विरासत में म‍िली
कोटक ने कहा कि ग्‍लोबल आर्थिक माहौल अमेरिका की मुद्रा, सैन्य और वित्तीय प्रणाली के प्रभाव से बनता है. 'शक्ति वही है और डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी शक्ति को विरासत में लिया है. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि इस शक्ति का ज्‍यादा उपयोग करने से ग्‍लोबल व‍िश्‍वास कम हो सकता है. व‍िश्‍वास को बनाने में लंबा समय लगता है, लेकिन यह जल्दी खत्म हो सकता है... अमेरिका का यह रवैया कम समय में लाभ दे सकता है, लेकिन लॉन्‍ग टर्म में उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

'भारत को दो ग्‍लोबल शक्तियों के बीच नहीं फंसना चाहिए'
कोटक ने यह भी कहा क‍ि भारत को दो ग्‍लोबल शक्तियों के बीच नहीं फंसना चाहिए और अपना रास्ता खुद बनाना चाहिए. 'हम अभी उभरती शक्ति हैं... हम कैसे इस संघर्ष में न फंसें और अपनी यात्रा बनाएं?' उन्होंने चेतावनी दी कि डोनाल्ड ट्रंप जानबूझकर भारत को उकसाने वाली बातें कर रहे हैं, जैसे पाकिस्तान से तुलना करना. 'डोनाल्ड ट्रंप जानते हैं कि भारत को क्या पसंद नहीं... उन्होंने बार-बार भारत और पाकिस्तान को जोड़कर उकसाया है. हमें उनके चक्कर में नहीं आना चाहिए.'

उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि भारत को अपने हितों के आधार पर काम करना चाहिए, न कि दबाव में. 'हमें यह साफ करना चाहिए कि कुछ क्षेत्रों में सहमति बनानी होगी और कुछ में अपना रुख रखना होगा.' उन्होंने ट्रंप की पर्सनैल‍िटी को समझने की जरूरत बताई. 'उनका अहंकार बहुत बड़ा है... उनके अहंकार को संतुष्ट करना कथा का अहम हिस्सा है.' उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों ने ट्रंप के दबाव में जमीन गंवाई. 'यूरोप ने बहुत कुछ गंवाया... वे खुश नहीं हैं, लेकिन मान गए.' 

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