Kotak Mahindra Bank: अप्रैल के पहले और दूसरे हफ्ते में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग होनी है. फरवरी में हुई मीटिंग के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट कम कर दिया था. महंगाई दर के आंकड़े नीचे आने के बाद जानकार इस बार भी रेपो रेट में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. इस बीच एशिया के सबसे अमीर बैंकर उदय कोटक (Uday Kotak) के बयान ने सबको चौंका दिया है. उन्होंने बैंकों के सामने आ रही समस्या के बारे में बताया है. उदय कोटक ने बैंकों में कम जमा होने वाली राशि पर चिंता जताई और चेतावनी दी है कि यह बैंकों के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.
बैंक मार्जिन में कमी का सामना कर रहे
कोटक ने कहा कि सभी बैंक सामूहिक रूप से मार्जिन में कमी का सामना कर रहे हैं. चेतावनी देते हुए कहा कि कम लागत वाले रिटेल डिपॉजिट की ग्रोथ कम होने के कारण बैंक महंगे बल्क डिपॉजिट का सहारा ले रहे हैं और निगेटिव मार्जिन पर उधार दे रहे हैं. अगर डिपॉजिट की कमी जारी रहती है, तो यह बैंकिंग बिजनेस के लिए खतरा बन जाएगा. कोटक ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा, दिग्गज बैंक मौजूदा समय में 8% ब्याज दर पर बल्क डिपॉजिट ले रहे हैं, जिससे सीमांत जमा लागत 9% से ज्यादा हो जाती है. सीधा सा मतलब यह हुआ कि बैंक 8% ब्याज देकर पैसा ले रहे हैं. इससे लागत 9 प्रतिशत के करीब हो गई है.
8% पर उठा रहे बल्क डिपॉजिट
उन्होंने कहा कि बल्क डिपॉजिट 8% के अलावा भी लागत हैं. जैसे कि कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) पर ब्याज नहीं मिलता है और उसे रेग्युलेटर के पास रखना होता है. इसके अलावा एसएलआर (SLR), डिपॉजिट इंश्योरेंस और प्रियोरिटी सेक्टर के भी लक्ष्य हैं. SLR से मतलब बैंकों को अपनी जमा राशि में से कुछ तय हिस्सा सरकारी बॉन्ड में निवेश करना होता है. वहीं प्रियोरिटी सेक्टर के टारगेट से मतलब बैंकों की तरफ से खास सेक्टर को दिये जाने वाले लोन से है. इन सभी लागत के बावजूद कोटक ने बताया कि बैंक 8.5% के फ्लोटिंग रेट पर होम लोन दे रहे हैं और 9% पर उधार ले रहे हैं.
Leading banks are taking 1 year wholesale deposits at ~8%. Translates to loaded marginal deposit cost of 9%+ after CRR (0 interest), SLR, deposit insurance, priority sector. Excluding opex. Low cost Retail Deposits (CASA non wholesale) show muted growth across the system.
Yet,…
— Uday Kotak (@udaykotak) March 28, 2025
बैंकिंग सिस्टम में रिटेल जमा धीरे-धीरे बढ़ रही
कोटक ने बताया इन सबका असर यह हो रहा है कि 0.5% का निगेटिव रिटर्न मिल रहा है. उन्होंने यह भी जोर दिया कि बैंकिंग सिस्टम में रिटेल जमा धीरे-धीरे बढ़ रही है. नए फाइनेंशियल ईयर में रेपो रेट में गिरावट आने की उम्मीद है. यही कारण है कि लागत और उधार दर को मैनेज करना एक चुनौती बनी हुई है. अधिकतर जानकारों का अनुमान है कि अप्रैल में रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट तक कम हो सकता है. फरवरी में भी आरबीआई की तरफ से 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी और यह घटकर 6.25% रह गया था.
बैंकों के पास लिक्विडिटी का संकट बना हुआ
ब्याज दर अपने रिकॉर्ड लेवल पर होने के बावजूद लिक्विडिटी का संकट बना हुआ है. क्रेडिट ग्रोथ की तुलना में डिपॉजिट रेश्यो धीमा हो गया है. 7 मार्च तक जमा राशि सालाना 10.2% बढ़कर 225.1 लाख करोड़ रुपये हो गई. 2024-25 के लिए, बैंक एफडी पर उच्च दरें देकर अपनी देनदारी फ्रेंचाइजी को बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार बैंकों में जमा कुल पैसे का 10-20% थोक में जमा किया गया है. ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के अनुसार कोटक महिंद्रा की नेटवर्थ 16.2 अरब डॉलर है. वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 129वें पायदान पर हैं. इस साल उनकी नेटवर्थ 2.28 अरब डॉलर बढ़ गई.