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UPI Update: अगले महीने से बदल जाएंगे यूपीआई से जुड़े न‍ियम, बैंक करने जा रहे यह बदलाव

UPI Rules: नए नियम लागू करने का मुख्य उद्देश्य गलत मोबाइल नंबर पर पैसे भेजने की प्रॉब्‍लम को खत्म करने के अलावा डिस्कनेक्ट और रीसाइकल हुए मोबाइल नंबर को भी हटाना है. इस बदलाव से UPI पेमेंट्स को ज्‍यादा तेज, सुरक्षित और आसान बनाया जा सकेगा. 

UPI Update: अगले महीने से बदल जाएंगे यूपीआई से जुड़े न‍ियम, बैंक करने जा रहे यह बदलाव
Kriyanshu Saraswat|Updated: Mar 06, 2025, 02:57 PM IST
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UPI Update: अगर आप यूपीआई (UPI) का रोजाना यूज करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई (UPI) पेमेंट्स से जुड़े नए नियम लागू करने का फैसला किया है. ये बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे. नए नियमों के तहत बैंक और यूपीआई (UPI) सर्व‍िस प्रोवाइडर को उन मोबाइल नंबर को हटाना होगा, जो डिस्कनेक्ट (बंद) या सरेंडर क‍िये गए हो या हो चुके हैं. इस बदलाव का मुख्‍य मकसद यूपीआई नंबर बेस्‍ड पेमेंट्स को ज्‍यादा सेफ और सुविधाजनक बनाना है.

क्यों बदल रहे UPI नियम?

NPCI ने 16 जुलाई 2024 को एक स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की थी. इसमें UPI नंबर बेस्‍ड पेमेंट्स को बेहतर और ज्‍यादा इंटरऑपरेबल बनाने की बात हुई थी. नए नियम लागू करने का मुख्य उद्देश्य गलत मोबाइल नंबर पर पैसे भेजने की प्रॉब्‍लम को खत्म करने के अलावा डिस्कनेक्ट और रीसाइकल हुए मोबाइल नंबर को भी हटाना है. इस बदलाव से UPI पेमेंट्स को ज्‍यादा तेज, सुरक्षित और आसान बनाया जा सकेगा.

नए UPI नियमों से क्या बदलाव होगा?
अब बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को हफ्ते में कम से कम एक बार अपने डेटा को अपडेट करना होगा. बैंक डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और मोबाइल नंबर रेवोकेशन लिस्ट का यूज करेंगे. इससे उन मोबाइल नंबरों को हटाया जाएगा जो अब किसी कस्‍टर के पास नहीं हैं या दोबारा यूज किए गए हैं. इससे गलत मोबाइल नंबर पर पैसा भेजने की प्रॉब्‍लम को कम किया जा सकेगा.
एनपीसीआई (NPCI) की तरफ से 3 मार्च 2025 को जारी सर्कुलर में कहा गया 'बैंकों और PSP / TPAP डेटाबेस में मोबाइल नंबर का सही ढंग से अपडेट किया जाना गलत लेन-देन की संभावनाओं को कम करेगा.'

UPI ऐप्स को लेना होगा ग्राहक की सहमति
अब कोई भी UPI ऐप ग्राहक की स्‍पष्‍ट अनुमति (Explicit Consent) के बिना उनका नंबर सेव या पोर्ट नहीं कर सकेगा. ऐप्स को यूजर्स को क्लियर ऑप्‍ट-आउट ऑप्शन देना होगा. डिफॉल्ट रूप से नंबर सेव करने का ऑप्शन चेक-आउट रहेगा और यूजर को खुद से 'Opt-in' पर क्लिक करना होगा. कोई भी सहमति जबरदस्ती नहीं ली जाएगी और न ही किसी ट्रांजेक्शन के दौरान अनुमति मांगी जाएगी. इसका फायदा यह होगा क‍ि यूजर को UPI नंबर से जुड़े बदलाव की पूरी जानकारी होगी. दूसरा गलतफहमी से पैसा किसी दूसरे को ट्रांसफर होने का खतरा कम होगा.

नंबर मैपर से जुड़े सुधार
अगर किसी वजह से NPCI मैपर से नंबर अपडेट नहीं हो पाता तो PSP ऐप नंबर को लोकल (अपने स्तर पर) सॉल्‍व कर सकता है. लेकिन PSP ऐप को हर महीने इस तरह की घटनाओं की रिपोर्ट एनपीसीआई (NPCI) को देनी होगी. एनपीसीआई की तरफ से कहा गया क‍ि यद‍ि NPCI मैपर की प्रतिक्रिया समय पर नहीं आती तो PSP ऐप नंबर को लोकल लेवल पर हल कर सकता है. लेकिन उसे इसकी रिपोर्ट NPCI को देनी होगी.

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