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UPI से लोन तक... Paytm की हर क्लिक में है कमाई का फॉर्मूला, रेवेन्यू बढ़कर हुआ 1917 करोड़; कंपनी के बिजनेस मॉडल में क्या है खास?

डिजिटल पेमेंट की दुनिया में पेटीएम ने एक बार फिर से वापसी की जोरदार दस्तक दी है. वन 97 कम्युनिकेशंस के तहत संचालित इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ₹122.5 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज कर इतिहास रच दिया है. 

UPI से लोन तक... Paytm की हर क्लिक में है कमाई का फॉर्मूला, रेवेन्यू बढ़कर हुआ 1917 करोड़; कंपनी के बिजनेस मॉडल में क्या है खास?
Shivendra Singh|Updated: Jul 22, 2025, 06:55 PM IST
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Paytm business model: डिजिटल पेमेंट की दुनिया में पेटीएम (Paytm) ने एक बार फिर से वापसी की जोरदार दस्तक दी है. वन 97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) के तहत संचालित इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ₹122.5 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज कर इतिहास रच दिया है. ये वही पेटीएम है जिसने एक समय 839 करोड़ रुपये के घाटे का सामना किया था. अब कंपनी का रेवेन्यू 28% की बढ़त के साथ ₹1,917 करोड़ पर पहुंच गया है.

इन्वेस्टर्स में एक बार फिर से पेटीएम को लेकर उत्साह है और इसका शेयर भी बीते एक साल में 122% तक उछल चुका है. लेकिन क्या सिर्फ रेवेन्यू बढ़ने से कहानी पूरी होती है? नहीं. असली सवाल है कि आखिर पेटीएम हर क्लिक पर कमाई कैसे करता है? इसका बिजनेस मॉडल बाकी फिनटेक कंपनियों से अलग क्या है?

पेटीएम का बिजनेस मॉडल
पेटीएम का बिजनेस मॉडल एक मजबूत नेटवर्क इकोसिस्टम पर आधारित है, जो यूजर्स और मर्चेंट्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है. कंपनी का रेवेन्यू कई चैनलों से आता है, जिससे उसे जोखिमों को बांटने और स्थिर कमाई करने का मौका मिलता है.

1. डिजिटल पेमेंट और वॉलेट
पेटीएम की सबसे बड़ी ताकत उसका डिजिटल वॉलेट और पेमेंट सिस्टम है. मोबाइल रिचार्ज, बिजली-पानी के बिल, मोबाइल और DTH रिचार्ज जैसी सेवाओं से यूजर्स जुड़ते हैं और हर ट्रांजैक्शन पर पेटीएम को मर्चेंट्स से फीस मिलती है.

2. मर्चेंट सर्विसेज
पेटीएम छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े कारोबारियों तक के लिए QR कोड, POS मशीन और सब्सक्रिप्शन बेस्ड डिवाइसेज की सुविधा देता है. इससे मर्चेंट्स को सुविधा और पेटीएम को नियमित सब्सक्रिप्शन आय मिलती है.

3. फाइनेंशियल सर्विसेज
कंपनी अब सिर्फ पेमेंट ऐप नहीं रही. पेटीएम पोस्टपेड, पर्सनल लोन और मर्चेंट लोन जैसी सेवाएं ऑफर करता है, जो बैंक और NBFC पार्टनर्स के जरिए दिए जाते हैं. इसके बदले पेटीएम को कमीशन और लोन डिस्बर्सल फीस मिलती है.

4. विज्ञापन और मार्केटिंग रेवेन्यू
पेटीएम के प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन भी एक अहम कमाई का सोर्स है. कंपनी अन्य ब्रांड्स को प्रमोशन और मार्केटिंग सर्विसेज देती है, जिससे ऐड रेवेन्यू में इजाफा होता है.

इन्वेस्टर्स का भरोसा फिर लौटा
एक समय था जब पेटीएम का शेयर अपने IPO प्राइस ₹2,150 से 70% नीचे गिर गया था. लेकिन अब कंपनी ₹1,053 के आसपास ट्रेड कर रही है. टेक्निकल एनालिस्ट्स मानते हैं कि स्टॉक में लगातार 'हायर हाई' और 'हायर लो' पैटर्न दिख रहा है, जो एक मजबूत अपट्रेंड का संकेत है.

क्या कहता है आंकड़ों का गणित?
* रेवेन्यू ग्रोथ (YoY): 28%
नेट प्रॉफिट (Q1 FY26): ₹122.5 करोड़
मर्चेंट सब्सक्रिप्शन में बढ़ोतरी
GMV और फाइनेंशियल सर्विसेज में वृद्धि

पेटीएम ने साबित कर दिया है कि सिर्फ पेमेंट ऐप बनकर नहीं, बल्कि एक फुल-फ्लेज्ड फिनटेक प्लेटफॉर्म के रूप में भी वह खुद को री-पोजिशन कर चुका है. यूजर्स की हर क्लिक, हर पेमेंट और हर लोन रिक्वेस्ट से कंपनी के रेवेन्यू ग्रोथ को मजबूती मिल रही है.

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