US Fed Reserve: मिडिल ईस्ट में चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बेंचमार्क फेडरल फंड्स रेट को 4.25%–4.5% की रेंज में ही बरकरार रखा है. यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पॉलिसी से बने आर्थिक अनिश्चितता के बीच लिया गया. इसका असर यह होगा कि अमेरिका में लोन की ईएमआई पर अभी किसी तरह का असर नहीं देखा जाएगा. फेड की तरफ से आखिरी बार दिसंबर 2024 में 25 बेसिस प्वाइंट का बदलाव किया गया था. फेड रिजर्व की तरफ से साल 2025 में 50 बेसिस प्वाइंट (0.5%) की ब्याज दर कटौती का अनुमान लगाया गया है.
अगले साल कटौती का अनुमान भी घटाया
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने साल 2026 के लिए कटौती के अनुमान को 50 से घटाकर 25 बेसिस प्वाइंट कर दिया है. मिडिल ईस्ट में तनाव, ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी की अनिश्चितता और अमेरिकी इकोनॉमी में कमजोरी ने फैसले को चुनौतीपूर्ण बना दिया है. फेड की तरफ से कहा गया, 'आर्थिक गतिविधियां ठोस गति से बढ़ रही हैं. बेरोजगारी दर कम है और लेबर मार्केट मजबूत है. महंगाई अभी भी थोड़ी ज्यादा है.' बैंक की तरफ से माना गया कि आर्थिक अनिश्चितता कम हुई है, लेकिन अभी भी बनी हुई है.
ट्रंप ने फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की आलोचना की
राष्ट्रपति ट्रंप ने फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'हमारे पास महंगाई नहीं, केवल सफलता है. मैं ब्याज दरें कम चाहता हूं.' आपको बता दें डोनाल्ड ट्रंप ने ब्याज दर के ऐलान से पहले यूएस फेड रिजर्व से कटौती किये जाने की अपील की थी. लेकिन जेरोम पॉवेल की तरफ से ट्रंप के अनुरोध को नहीं माना गया. जानकारों का कहना है उम्मीद की जा रही थी कि जब तक महंगाई में गिराटवट का संकेत नहीं मिलता तो इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा. ट्रंप की तरफ से 250 बेसिस प्वाइंट की कटौती की मांग की गई थी.
क्या होगा असर?
ब्याज दरों में किसी प्रकार की कमी नहीं करने का फैसला यूएस फेड की तरफ से ऐसे समय में लिया गया है जब ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता बनी हुई है. इजरायल के हमले में ईरान के प्रमुख वैज्ञानिकों और सैनिकों को मारने के बाद वेस्ट एशिया में हालात खराब हैं. यूएस फेड के हालिया फैसले ने ग्लोबल मार्केट को राहत देने का काम किया है. इस फैसले के बाद ग्लोबल मार्केट में गिरावट देखी जा रही है. डॉउ जोस और एसएंडपी 500 गिरकर बंद हुए.