Share Market: वैश्विक स्तर पर मची उथल-पुथल के बीच भारतीय शेयर बाजार में उठा-पटक का दौर जारी है. भारतीय शेयर बाजार कभी चढ़ रहा है तो कभी गोते रहा है, अगर हफ्ते बाजार की चाल कैसी होगी, वो कई फैक्टर्स पर ग्लोबल संकेतों पर निर्भर करेगा. आगामी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक, कंपनियों के तिमाही नतीजे और आईआईपी और एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों का जारी होना अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा.
शेयर बाजार में उथल-पुथल
शुक्रवार को बाजार लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ, जिसमें दोनों बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स दिन के कारोबार में 786 अंक गिरकर 81,397.69 पर आ गया, जबकि निफ्टी लगभग 1 प्रतिशत गिरकर 24,806.35 पर आ गया. ब्रॉडर मार्केट में भी बिकवाली देखी गई, जिसमें मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांक 2 प्रतिशत तक गिर गए.
अमेरिकी फेडरल की बैठक
आगे की ओर देखते हुए, वैश्विक घटनाक्रम भी महत्वपूर्ण होंगे. अमेरिकी फेडरल रिजर्व 29-30 जुलाई को अपनी नीतिगत बैठक आयोजित करेगा. अधिकांश व्यापारियों को उम्मीद है कि फेड ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखेगा, लेकिन मुद्रास्फीति या भविष्य की नीतिगत चालों पर किसी भी टिप्पणी पर दुनिया भर के बाजारों की कड़ी नजर रहेगी. ट्रेड फ्रंट पर, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका बाजार पहुंच में सुधार और टैरिफ बाधाओं को कम करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर काम कर रहे हैं.
इन कंपनियों के तिमाही नतीजों से उम्मीद
घरेलू स्तर पर, अगले सप्ताह इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, आईटीसी, सन फार्मा और मारुति सुजुकी इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों के परिणाम आने की उम्मीद है. विशेषज्ञों के अनुसार, इनके प्रदर्शन से निवेशकों को क्षेत्रीय मजबूती और समग्र कॉर्पोरेट हेल्थ के बारे में अधिक स्पष्टता मिलेगी. जैसे ही नया महीना शुरू होगा, निवेशक आर्थिक संकेतकों पर भी नजर रखेंगे.औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े और एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, जो 1 अगस्त को आने वाले हैं, भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत के बारे में नए संकेत दे सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, अगले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है, निवेशक वैश्विक केंद्रीय बैंकों, तिमाही नतीजों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखेंगे आईएएनएस