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जेन स्ट्रीट का चीट कोड या मास्टर स्ट्रोक? भारतीय बाजार को कैसे चूना लगाकर कमाए ₹36,500 करोड़!

भारतीय शेयर बाजार में अब तक का एक बड़ा विवाद सामने आया है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अमेरिका की नामी क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) और उससे जुड़ी कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है.

जेन स्ट्रीट का चीट कोड या मास्टर स्ट्रोक? भारतीय बाजार को कैसे चूना लगाकर कमाए ₹36,500 करोड़!
Shivendra Singh|Updated: Jul 04, 2025, 05:33 PM IST
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भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ वर्षों से जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिली है. घरेलू और विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, लेकिन इस ग्रोथ के बीच कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्होंने बाजार की नब्ज पकड़कर करोड़ों नहीं, हजारों करोड़ रुपये कमाए. लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि यह कमाई नियमों के मुताबिक हुई या यह एक चीट कोड था, जिससे भारतीय बाजार को चूना लगाया गया?

सेबी (SEBI) ने अमेरिका की दिग्गज क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर बड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने जेन स्ट्रीट और उसकी चार सहयोगी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार से बैन कर दिया है. इसके साथ ही कंपनी को ₹4,843 करोड़ की अवैध कमाई वापस लौटाने का आदेश भी दिया गया है.

जेन स्ट्रीट आखिर है कौन?
जेन स्ट्रीट की स्थापना साल 2000 में हुई थी और यह दुनियाभर में करीब 45 देशों में काम करती है. कंपनी के पास 3000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और इसका सालाना रेवेन्यू $20.5 बिलियन तक पहुंच चुका है. एशिया में इसका तेजी से विस्तार हो रहा है, खासकर हांगकांग जैसे हब में. भारत में यह कंपनी पिछले कुछ सालों से एक्टिव है, लेकिन इसकी असली पहचान बनी 2023 में जब इसने अमेरिकी अदालत में एक बड़ी केस दायर की.

जेन स्ट्रीट ने भारत में क्या किया?
SEBI की जांच के मुताबिक, जेन स्ट्रीट ने जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच भारत में ₹36,671 करोड़ का मुनाफा कमाया. इनमें से ₹4,843 करोड़ की कमाई को अवैध बताया गया है, जो कथित तौर पर बाजार में हेरफेर कर के की गई थी. यह विवाद तब सामने आया जब 2023 में जेन स्ट्रीट ने अमेरिका में अपने प्रतिद्वंद्वी मिलेनियम मैनेजमेंट के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें भारत आधारित एक प्रॉफिटेबल ऑप्शंस ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी का जिक्र था. उस साल जेन स्ट्रीट ने अकेले भारत से $1 बिलियन (₹8,000 करोड़) का मुनाफा कमाया था.

सेबी की जांच में क्या निकला?
सेबी की इंटरनल रिपोर्ट में बताया गया कि जेन स्ट्रीट ने निफ्टी और बैंक निफ्टी इंडेक्स में हेरफेर किया, विशेष रूप से 21 एक्सपायरी दिनों के दौरान. फर्म ने दो रणनीतियों का इस्तेमाल किया:

1.  Morning Pump, Afternoon Dump- दिन की शुरुआत में बड़ी मात्रा में बैंकों के स्टॉक्स और फ्यूचर्स खरीदकर इंडेक्स को ऊपर ले जाया गया. फिर दिन के अंत में इन्हें बेचकर इंडेक्स को नीचे गिरा दिया गया, जिससे छोटे निवेशक भ्रमित हो गए.

2. Expiry Day Manipulation- एक्सपायरी के आखिरी घंटों में जानबूझकर बड़े सौदे किए गए ताकि इंडेक्स का क्लोजिंग स्तर प्रभावित हो और ऑप्शंस की कीमतों को मनचाहा मोड़ दिया जा सके.

सेबी का बड़ा एक्शन
सेबी ने जेन स्ट्रीट ग्रुप की चार यूनिट्स जेएसआई इन्वेस्टमेंट्स, जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग को भारतीय बाजार से बैन कर दिया है. इनकी बैंक अकाउंट्स से निकासी पर भी रोक लगा दी गई है जब तक सेबी की इजाजत न मिले.

SEBI की चेतावनी भी हुई थी नजरअंदाज
सेबी के मुताबिक, फरवरी 2025 में जेन स्ट्रीट को ऐसे ट्रेडिंग पैटर्न के लिए चेतावनी दी गई थी. कंपनी ने एनएसई को वादा किया कि वह इस तरह की एक्टिविटी नहीं दोहराएगी. लेकिन इसके बावजूद जेन स्ट्रीट ने नियमों की जानबूझकर अनदेखी की और अपनी एक्टिविटी को और भी आक्रामक बना दिया. सेबी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसा बर्ताव यह दिखाता है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप एक 'Good Faith Actor' नहीं है और उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.

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