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Explainer: अगले महीने से बदल जाएगा शेयर ट्रेड‍िंग का तरीका, क्‍या है नया स‍िस्‍टम ज‍िसे SEBI लागू कर रहा?

Stock Market Rules: सेबी के सर्कुलर में कहा गया क‍ि पहले चरण में शीर्ष 500 शेयरों का चयन 31 दिसंबर को मार्केट कैप के ह‍िसाब से क‍िया जाएगा. पहले चरण में T+0 निपटान 500 में से अंतिम 100 शेयरों में म‍िलेगा. 

Explainer: अगले महीने से बदल जाएगा शेयर ट्रेड‍िंग का तरीका, क्‍या है नया स‍िस्‍टम ज‍िसे SEBI लागू कर रहा?
Kriyanshu Saraswat|Updated: Dec 11, 2024, 01:23 PM IST
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T+0 System in Share Market: अगर आप भी शेयर बाजार में ट्रेड‍िंग करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, सेबी की तरफ से अगले साल 31 मार्च से नया न‍ियम लागू क‍िया जा रहा है. इस न‍ियम के लागू होने के बाद शेयर खरीद-फरोख्‍त का न‍ियम पूरी तरह बदल जाएगा. सेबी ने 31 जनवरी से 500 और शेयर को शामिल करने के लिए ट्रेड‍िंग एंड सेटलमेंट के ऑप्‍शन T+0 मोड के लिए शेयरों की ल‍िस्‍ट को बढ़ाने का फैसला क‍िया है. अभी T+0 सेटलमेंट सायकल 25 चुनिंदा शेयरों के लिए पेश किया जाता है. इसमें SBI, ONGC और बजाज ऑटो का शेयर शामिल है. इस स‍िस्‍टम की शुरुआत इसी साल मार्च में की गई थी. अब नए साल में इसका एक्‍सपेंशन करने की तैयारी है.

मार्केट कैप के ह‍िसाब से लागू क‍िया जाएगा स‍िस्‍टम

सेबी के सर्कुलर में कहा गया क‍ि पहले चरण में शीर्ष 500 शेयरों का चयन 31 दिसंबर को मार्केट कैप के ह‍िसाब से क‍िया जाएगा. पहले चरण में T+0 निपटान 500 में से अंतिम 100 शेयरों में म‍िलेगा. इसके बाद हर महीने, अगले निचले 100 शेयरों को ल‍िस्‍ट में जोड़ा जाएगा. यह प्रोसेस 31 जनवरी, 2025 से शुरू होगा. T+0 सेटलमेंट स‍िस्‍टम के तहत निवेशकों को उनके शेयर और फंड उसी दिन शाम को म‍िल जाएंगे, जिस दिन उन्होंने अपनी ट्रेड‍िंग की है. भारत शेयर मार्केट में ऐसा करने वाला पहला देश है. दुनियाभर के दूसरे देशों और भारत में भी अभी सेटलमेंट का ज्‍यादा प्रचलित तरीका T+1 प्रोसेस है.

T+0 सेटलमेंट स‍िस्‍टम ऑफर करने की अनुमति होगी
T+1 सेटलमेंट स‍िस्‍टम के तहत शेयरों के खरीदार और विक्रेता उन्हें अपने डीमैट अकाउंट में और अपने बैंक अकाउंट में धनराशि ट्रेड के एक दिन बाद हास‍िल करते हैं. सेबी ने कहा कि सभी ब्रोकर को अपने कस्‍टमर को T+0 सेटलमेंट स‍िस्‍टम को ऑफर करने की अनुमति होगी. मई 2025 से कस्टोडियन, जो संस्थागत समेत बड़े निवेशकों की सर्व‍िस देते हैं, उन्‍हें भी इस स‍िस्‍टम को शामिल करना होगा. इतना ही नहीं उन्‍हें इस प्रोसेस के तहत ब्लॉक ट्रेड पेश किये जाएंगे. आइए जानते हैं मार्च में शुरू क‍िया गया 'T+0 सेटलमेंट' स‍िस्‍टम क्‍या है? इससे शेयर की खरीद और बि‍क्री के समय में क‍िस तरह कमी आएगी?

T+0 सेटलमेंट क्‍या है?
T+0 सेटलमेंट का सीधा सा मतलब शेयर खरीदने या बेचने का प्रोसेस उसी दिन पूरा होने से है. यानी इस सिस्टम में क‍िसी तरह की देरी नहीं होती. आपने जिस दिन शेयर खरीदे, उसी दिन आपको पेमेंट करेंगे और उसी दिन शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे. इसी तरह, आपने जिस दिन शेयर बेचे, आपको उसी द‍िन पेमेंट म‍िल जाएगा. सेबी की तरफ से पहले इसे मार्च, 2024 में लागे क‍िया गया. उस समय इसे केवल 25 शेयरों के ल‍िए लागू क‍िया गया था. अब इसे मार्केट कैप के ह‍िसाब से अगले 500 शेयर के ल‍िए लागू क‍िया जाएगा.

क्‍या ऑप्‍शन होगा?
अभी भारतीय शेयर बाजार में T+1 सेटलमेंट स‍िस्‍टम लागू है. यानी शेयर बाजार में T+1 (ट्रेडिंग+एक दिन) का सेटलमेंट स‍िस्‍टम लागू है. दुन‍ियाभर के बड़े शेयर बाजारों में T+2 वाला स‍िस्‍टम चलता है. हालांक‍ि अब जब भारतीय शेयर बाजार में T+0 सेटलमेंट स‍िस्‍टम का एक्‍सपेंशन क‍िया जा रहा है तो इसके तहत कंपन‍ियों की संख्‍या आने वाले समय में बढ़कर 525 तक पहुंच जाएगी. लेक‍िन आपको यह बता दें क‍ि आपके पास यह भी ऑप्‍शन होगा क‍ि T+0 या T+1 में से क‍िसी एक सेटलमेंट स‍िस्‍टम को स‍िलेक्‍ट कर सकें.

T+1 सेटलमेंट स‍िस्‍टम कब लागू हुआ?
यद‍ि आपने बुधवार (ट्रेड की तारीख) को शेयर खरीदने या बेचने के ल‍िए ट्रांजेक्‍शन क‍िया. ऐसे में T+1 सेटलमेंट सिस्टम के तहत पेमेंट और शेयरों का मालिकाना हक गुरुवार को म‍िलेगा. लेक‍िन ज‍िन बाजार में यद‍ि T+2 का सेटलमेंट सिस्टम लागू है तो उनका पेमेंट और शेयरों की ओनरश‍िप बदलने का काम शुक्रवार (दो वर्क‍िंग डे के बाद) होगा. भारतीय शेयर बाजार में T+1 सेटलमेंट स‍िस्‍टम को 27 जनवरी, 2023 को लागू क‍िया गया था. इससे पहले भारतीय बाजार में दूसरे मार्केट की T+2 का न‍ियम लागू था. 1994 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की शुरुआत से पहले BSE में दो हफ्ते में एक बार सेटलमेंट का प्रोसेस होता था. 

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