Delhi High Court Order For Amazon: दिल्ली हाई कोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन टेक्नोलॉजीज को 340 करोड़ रुपये (करीब 41 मिलियन डॉलर) का हर्जाना देने का आदेश दिया है. यह आदेश एम्सटर्डम स्थित लाइफस्टाइल इक्विटीज नामक परिधान और एक्सेसरीज ब्रांड के ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में दिया गया है. लाइफस्टाइल इक्विटीज ने इस मामले में 155.59 मिलियन डॉलर (करीब 1260 करोड़) हर्जाने की मांग की थी. लेकिन अदालन ने अमेजन को 340 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है.
जानबूझकर खुद को अलग-अलग रूप में पेश किया
अदालत ने अमेजन की रणनीति को 'जिम्मेदारी से बचने की सोची-समझी चाल' बताया. कोर्ट के अनुसार, अमेजन ने जानबूझकर खुद को अलग-अलग रूप में पेश किया. यह तरीका 'जानबूझकर भ्रम फैलाने और जिम्मेदारी से बचने कोशिश' था. न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने कहा कि अमेजन ने जानबूझकर तीन कंपनियों (Amazon Technologies, Cloudtail India और Amazon Seller Service) के आपसी संबंधों को छिपाने की कोशिश की.
कानूनी जांच के बचने के लिये किया यह काम
उन्होंने कहा, 'अमेजन ग्रुप की तीनों ही कंपनियां एक ही कारोबारी ग्रुप के रूप में काम करती हैं. अदालत ने जब 20 अप्रैल 2022 को इन कंपनियों के बीच के रिलेशन साफ करने के लिए कहा तो अमेजन ने स्थायी निषेधाज्ञा (permanent injunction) को मान लिया, जिससे वह कानूनी जांच से बच सके.' भारतीय अधिवक्ताओं ने इस पूरे मामले को ऐतिहासिक बताया है. ट्रेडमार्क से जुड़े मामलों में किसी अमेरिकी कंपनी पर इतना बड़ा जुर्माना पहले कभी नहीं लगाया गया है.
क्या है पूरा मामला और लाइफस्टाइल इक्विटीज का दावा?
लाइफस्टाइल इक्विटीज ने Beverly Hills Polo Club (BHPC) ब्रांड के ऑफिशियल मालिकाना हक का दावा किया. कंपनी के लोगो में एक घुड़सवार को दिखाया गया है. लाइफस्टाइल इक्विटीज की तरफ से आरोप लगाया गया था कि अमेजन ने अपने प्लेटफॉर्म पर BHPC के लोगो को गलत तरीके से यूज किया. इससे कस्टमर के सामने भ्रम की स्थिति बन गई और उनके ब्रांड को नुकसान पहुंचा. यह भी कहा कि Cloudtail India ने अमेजन के प्राइवेट लेबल 'Symbol' के तहत BHPC जैसा लोगो यूज करके कपड़े बेचे.
अदालत ने 'ई-इनफ्रिंजमेंट' का मामला माना
अदालत ने पाया कि अमेजन की तरफ से यूज किया गया लोगो BHPC के लोगो जैसा ही दिखता था. इसके अलावा अमेजन प्लेटफॉर्म पर बेचे गए कपड़े BHPC के प्रोडक्ट से मिलते-जुलते थे. तीसरा ई-कॉमर्स वेबसाइट पर प्रोडक्ट की खरीदारी ग्राहक फोटो देखकर करते हैं. इसलिए लोगो एक जैसा होने से ग्राहको कंफ्यूजन की स्थिति हो सकती है. ऐसे में अदालत ने इसे 'ई-इनफ्रिंजमेंट' (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ट्रेडमार्क उल्लंघन) का मामला बताया. साथ ही कहा कि अमेजन जैसी बड़ी कंपनियां कस्टमर के भरोसे और ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचा सकती हैं.