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अब लोन लेने से पहले नहीं होगा CIBIL का चक्‍कर, क्‍या है नया ULI स‍िस्‍टम? जो जल्‍द होगा लागू

CIBIL Score: लोन लेने से पहले अहम माना जाने वाला स‍िब‍िल स्‍कोर अब पुराने द‍िनों की बात हो जाएगा. जी हां, व‍ित्‍त मंत्रालय की तरफ से इसमें जल्‍दी बदलाव की तैयारी की जा रही है. लेक‍िन क्‍या है ये नया स‍िस्‍टम और कैसे फायदेमंद है यह, आइए जानते हैं. 

अब लोन लेने से पहले नहीं होगा CIBIL का चक्‍कर, क्‍या है नया ULI स‍िस्‍टम? जो जल्‍द होगा लागू
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jul 18, 2025, 11:57 AM IST
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What is ULI System: अगर आपने कभी क‍िसी बैंक या एनबीएफसी (NBFC) से लोन ल‍िया है तो यह खबर आपके काम की है. आपने नोट‍िस क‍िया होगा क‍ि लोन की एप्‍लीकेशन के साथ ही आवेदक का क्रेडिट स्कोर चेक क‍िया जाता है. क्रेड‍िट स्‍कोर को स‍िबि‍ल (CIBIL Score) के तौर पर भी जाना जाता है. स‍िबि‍ल (CIBIL Score) के कम होने पर कई बार लोन नहीं म‍िलता. म‍िलता भी है तो ब्‍याज दर ज्‍यादा होती है. लेक‍िन अब आने वाले समय में सिबिल स्‍कोर पर निर्भरता खत्‍म होने जा रही है. जी हां, फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री के ड‍िपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्व‍िसेज (DFS) ने सभी सरकारी व प्राइवेट बैंक और एनबीएफसी को यूनिफाइड लैडिंग इंटरफेस (ULI) प्लेटफार्म से जुड़ने का आदेश द‍िया है.

मंथली बेस पर होगी यूएलआई की समीक्षा

दैन‍िक जागरण में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार यूएलआई (ULI) के इस्‍तेमाल को लेकर सभी वित्तीय संस्थाओं को नोडल अधिकारी नॉम‍िनेट करने के ल‍िए कहा गया है. इसके अलावा बैंकों के एमडी और सीईओ को मंथली बेस पर यूएलआई (ULI) की समीक्षा करने के लि‍ए भी कहा गया है. इस बारे में डीएफएस सेक्रेटरी एम.नागाराजु और आरबीआइ के ड‍िप्‍टी गवर्नर टी. रबि शंकर की अध्‍यक्षता में मीट‍िंग हुई. इस दौरान 12 सरकारी बैंक, 18 प्राइवेट बैंक, तीन स्माल फाइनेंस बैंक और छह एनबीएफसी के प्रत‍िन‍िध‍ि मौजूद रहे. स‍िब‍िल छोड़ अब ज‍िस यूएलआई (ULI) की चर्चा हो रही है, आइए जानते हैं उसके बारे में.

यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) क्या है?
यूएलआई (ULI) एक सरकारी टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, जिसे लोन देने के प्रोसेस को आसान और तेज बनाने के लिए बनाया गया है. इसका मकसद लागत को कम करना, जल्दी लोन देना और इस सुविधा को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराना है. यह प्लेटफॉर्म उधार देने वाले बैंक और एनबीएफसी को कई राज्यों के जमीन के रिकॉर्ड समेत डिजिटल जानकारी आसानी से और ग्राहक की सहमति से उपलब्ध कराएगा. इसे क‍िसी भी परेशानी से अलग लोन देने के लि‍ए ड‍िजाइन क‍िया गया है. इससे लोन के इवेल्‍यूएशन में लगने वाला समय घटकर कम रह जाएगा. इसका ज्‍यादा फायदा गांव में रहने वाले लोगों को होगा.

ULI के क्‍या फायदे हैं?
अगस्‍त 2024 में आरबीआई के तत्‍कालीन गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया था क‍ि यूएलआई (ULI) अलग-अलग सेक्‍टर, खासकर कृषि और MSME सेक्‍टर के उधारकर्ताओं के लिए लोन की अधूरी मांग को पूरा करेगा. ANI की रिपोर्ट के अनुसार दास ने बताया था क‍ि जिस तरह UPI ने पेंमेंट स‍िस्‍टम को बदल दिया. आने वाले समय में उम्मीद है कि ULI भी देश में उधार देने के सेक्‍टर (बैंकिंग और एनबीएफसी) में उसी तरह की अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा था JAM-UPI-ULI की 'नई तिकड़ी' देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के सफर में अहम कदम साबित होगी.

कैसे काम करेगा ULI?
आरबीआई के तत्‍कालीन गवर्नर ने बताया था क‍ि ULI में नॉर्मल और स्टैंडर्डाइजेशन (standardised) API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) होंगी. इन्‍हें 'प्लग एंड प्ले' तरीके से ड‍िजाइन किया गया है. इसका मतलब यह हुआ क‍ि यह अलग-अलग सोर्स से जानकारी तक डिजिटल पहुंच को आसान बना देगा. यह प्लेटफॉर्म कई तकनीकी एकीकरण (technical integrations) की मुश्‍क‍िल को कम करेगा. साथ ही बैंक और एनबीएफसी से फाइनेंश‍ियल और नॉन-फाइनेंश‍ियल डेटा पहुंचाने में हेल्‍प करेगा. यूएलआई के जर‍िये लोन के लिए एप्‍लाई करने वालों के मकान, दुकान, खेत, रोजमर्रा के खर्च, खरीदारी व खर्च क्षमता का डाटा हासिल किया जा सकेगा.

कब शुरू हुआ था CIBIL?
यूएलआई फ्रेमवर्क को ई-कामर्स और गिग वर्कर्स प्लेटफार्म से भी अटैच क‍िया जाएगा. इससे छोटे-छोटे खरीदार और दुकानदार के साथ सभी गिग वर्कर्स का क्रेडिट स्कोर तैयार हो सकेगा. मौजूदा चलन में चल रहे क्रेडिट स्कोर को माने के लि‍ए 25 साल पहले क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL) को शुरू क‍िया गया था. अभी बैंक और एनबीएफसी से लोन लेने वाले और क्रेडिट कार्ड यूज करने वालों के ही सिबिल स्कोर को लेकर जानकारी म‍िल पाती है. ऐसा पहली बार होगा जब पहली बार लोन लेने वालों के स‍िब‍िल स्‍कोर के बारे में भी जानकारी म‍िल सकेगी. 

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