Atal Setu Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (MTHL) का उद्घाटन किये जाने के बाद दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई का सफर 2 घंटे से घटकर 20 मिनट रह जाएगा. इसे अटल सेतु का नाम दिया गया है. यह देश का सबसे लंबा समुद्री पुल है. इसकी पूरी लंबाई 21.8 किलोमीटर है. यह पुल सात साल में बनकर तैयार हुआ है. इसको तैयार करने में 17,840 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ है. पुल की समुद्र के ऊपर लंबाई करीब 16.5 किमी और जमीन पर करीब 5.5 किमी है.
पुणे और गोवा जाने वालों को भी सहूलियत होगी
पुल के शुरू होने के बाद मुंबई के ट्रैफिक सिस्टम में सुधार की उम्मीद है. पुल को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर बनाया गया है. पुल का संचालन और मेंटीनेंस मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक कॉर्पोरेशन (MTHL) की तरफ से किया जाएगा. पुल शुरू होने से मुंबई से पुणे और गोवा जाने वालों को भी सहूलियत होगी. अगर आप इस पुल के जरिये साउथ मुंबई से नवी मुंबई का सफर करते हैं तो इस दौरान आपके करीब 300 रुपये के पेट्रोल की भी बचत होगी. समय के लिहाज से भी यह काफी मुफीद है. आइए जानते हैं इस पुल को तैयार करने वाली कंपनी के बारे में-
किसी एक कंपनी ने तैयार नहीं किया
मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (MTHL) को किसी एक कंपनी ने नहीं तैयार किया है. देश के सबसे लंबे समुद्री पुल का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो (L&T), आईएचआई इंफ्रास्ट्रक्चर, देवू इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन (Daewoo E&C) और टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड (Tata Projects Limited) ने मिलकर तैयार किया है. इन सभी कंपनियों का ज्वाइंट वेंचर मुख्य निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार था. समुद्री इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर में इनकी एक्सपरटीज का इस्तेमाल किया गया.
अप्रैल 2018 में शुरू हुआ काम
नवी मुंबई की तरफ का पुल तैयार करने का काम देवू इंजीनियरिंग और टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड कर रहे थे. पुल के सेवरी साइड का कंस्ट्रक्शन और जमीन से जुड़ा काम लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और जापान के आईएचआई इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स के एक संघ को सौंपा गया था. पुल का नवी मुंबई वाला हिस्सा देवू-टाटा को सौंपा गया था. जमीन पर काम अप्रैल 2018 में शुरू हुआ. इसका शिलान्यास 2016 में हुआ लेकिन इसका निर्माण 2018 में शुरू हुआ था.
1212 लाइटिंग पोल का इस्तेमाल किया
पुल के लिए मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) ने नोडल एजेंसी के रूप में काम किया और इस पर प्रोजेक्ट प्लानिंग, फाइनेंसिंग और इम्पलीमेंटेशन का जिम्मा था. जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (JICA) ने प्रोजेक्ट की फंडिंग का अहम काम किया. AECOM एशिया कंपनी लिमिटेड, PADECO कंपनी लिमिटेड ने एडवाइजर के तौर पर काम किया. अटल पुल को तैयार करने में कुल 1212 लाइटिंग पोल का इस्तेमाल किया गया. जब इस पुल को तैयार करने का काम पीक पर था, उस दौरान यहां करीब 14000 लोग रोजाना काम कर रहे थे.
कितना लगेगा टोल
अगर आप MTHL से सफर करते हैं तो आपको एक साइड की यात्रा के लिए 250 रुपये का टोल देना होगा. राउंड ट्रिप के लिए 375 रुपये का चार्ज है. सरकार का कहना है कि एक साल गुजरने के बाद टोल को लेकर समीक्षा की जाएगी. अभी बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर 85 रुपये और राउंड ट्रिप के लिए 127 रुपये टोल देना होता है. MTHL पर बाइक, ऑटो और ट्रैक्टर चलाना प्रतिबंधित रहेगा. इसे बनाने में 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट यूज हुआ है.