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फिर लाल रंग से रंगा बाजार, ₹1300000 करोड़ उड़ चुके पर नहीं थमी सुनामी, भारत के शेयर बाजार में मचे तांडव के पीछे कौन ?

Stock Market:  शेयर बाजार में सुनामी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. लगातार चोथे कारोबारी दिन भी शेयर बाजार में तांडव देखने को मिला और खुलने के साथ ही सेंसेक्स क्रैश हो गया. मंगलवार को बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स खुलते ही धड़ाम हो गया.

 फिर लाल रंग से रंगा बाजार, ₹1300000 करोड़ उड़ चुके पर नहीं थमी सुनामी, भारत के शेयर बाजार में मचे तांडव के पीछे कौन ?
Bavita Jha |Updated: Jul 29, 2025, 10:06 AM IST
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Share Market Crash: शेयर बाजार में सुनामी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. लगातार चोथे कारोबारी दिन भी शेयर बाजार में तांडव देखने को मिला और खुलने के साथ ही सेंसेक्स क्रैश हो गया. मंगलवार को बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स खुलते ही धड़ाम हो गया. वहीं, निफ्टी 50 में भी गिरावट देखने को मिल रही है. शुरुआती बाजार में सेंसेक्स करीब 246 अंक तक टूट गया.  अगर बीते तीन दिनों का हाल देखें तो निवेशकों ने 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक गंवा दिए हैं.  

13 लाख करोड़ गंवा चुके हैं निवेशकों  

भारतीय शेयर बाजार में अभी कमजोर रुख बना हुआ है. बीते चार कारोबारी दिनों से बाजार की स्थिति ऐसी ही बनी हुई है और बाजार जानकारों की माने तो अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही रहने वाला है. बाजार में जारी बिकवाली के चलने निवेशकों ने 13 लाख करोड़ से अधिक गंवा दिए हैं. इस गिरावट के पीछे कई फैक्टर्स जिम्मेदारी है. 

भारतीय शेयर बाजार में क्यों आई ये गिरावट ? 

भारतीय शेयर बाजार में आई इस गिरावट के पीछे कई फैक्टर्स हैं.  FII बिकवाली, ग्लोबल अनिश्चितता और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमत, अमेरिका-भारत ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता का माहौल, कमजोरी तिमाही नतीजें और बाजार का हाई वैल्यूएशन बाजार पर दवाब बनाए हुए हैं.  अगर विदेशी निवेशकों (FIIs) की बात करें तो उनकी ओर से भारी बिकवाली का दवाब बना हुआ है.  पूरे पिछले हफ्ते में FII बिकवाली ₹13552 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.  इस बिकवाली ने बाजार का मूड बिगाड़ रखा है और शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है.  

वैश्विक उठापटक और रूस पर अमेरिका और ईयू के प्रतिबंधों के बीच कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी का दौर जारी है.  ब्रेंट क्रूड 0.29% बढ़कर USD 68.64 प्रति बैरल तक पहुंच गया. कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने का मतलब है महंगाई का बढ़ना. जिसका नकारात्मक असर शेयर बाजार पर पड़ रहा है.  कंपनियों ने तिमाही नतीजे बाजार के अनुरूप नहीं दिखे, जिसके चलते बाजार पर दवाब हावी हो गया है.  खासकर आईटी कंपनियों ने बाजार का सबसे ज्यादा मूड बिगाड़ रखा है. टीसीएस, विप्रो, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों में बिकावील के चलते बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ा हुआ है.  वहीं देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS ने 12000 कर्मचारियों की छंटनी की बात कही है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है.  

अमेरिका और भारत के बीच होने वाले व्यापार समझौते को लेकर सस्पेंस बरकरार है,जिसकी वजह से निवेशकों में भारी कंफ्यूजन है. उसका भरोसा कम हो रहा है. खासकर उन सेक्टरों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिनका कारोबार अमेरिका के साथ है. 1 अगस्त की डेडलाइन नजदीक आ चुकी है, लेकिन इस डील को लेकर बातचीत अभी पक्की नहीं होने के चलते बाजार का सेंटीमेंट निगेटिव बना हुआ है. 

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